आखिर कब पूरा होगा सपनाई बैराज का सपना,वन विभाग से क्लीयरेंस नही मिल सका अभी तक,अंचल के जन प्रतिनिधि निष्क्रिय

by Kakajee News

रायगढ़। रायगढ़ पूर्वी अंचल की जीवन दायिनी नदी के ऊपर बन रहे सपनाई बैराज का निर्माण पेंडिंग पड़ा हुआ है। लगभग 50 लाख रुपये की लागत से बन रहे यह बैराज जहाँ अधूरा है वही नहर निर्माण के लिए भी अभी तक कोई कार्यवाही जल संसाधन विभाग करते नही दिख रही है। किसानों के खेत प्यासे तो हैं ही वन विभाग द्वारा क्लीयरेंस नही मिलने के कारण भी योजना अधर में लटक गई है।


रायगढ़ जिले के पूर्वी अंचल के एक दर्जन गांव की जीवनदायिनी सपनाई नदी पर बन रहे बैराज निर्माण अधर में लटका हुआ है। तत्कालीन भाजपा सरकार द्वारा यहां पर बैराज निर्माण व नहर के लिए 50 लाख रुपए से अधिक की राशि स्वीकृति दी थी जिसका निर्माण कार्य अभी भी अधर में है। बैराज तो लगभग कंप्लीट बताया जा रहा है लेकिन वहाँ न तो कंट्रोल रूम बन पाया है और न ही निगरानी के लिए भवन। बैराज में 7 गेट बनाया गया है। जल भराव नही किया गया है। लगभग 3 वर्ष बीत गए अब बैराज में लगे लोहे भी जंग खाने शुरू हो गए हैं।

नहर निर्माण के लिये भू अर्जन की प्रक्रिया चलने की बात अधिकारी तो कर रहे हैं वही बैराज क्षेत्र में वन भूमि आने के कारण वन विभाग द्वारा क्लीयरेंस नही दी गयी है जिसके कारण बैराज निर्माण बाधित होने की बात अधिकारी कर रहे हैं। इस बैराज के बन जाने से लगभग 10 से अधिक गांव के किसानों के खेत सिंचित हो सकेंगे। जल संसाधन विभाग की लापरवाही व निष्क्रियता के कारण भी यह बैराज पेंडिंग पड़ा हुआ है।

पूर्वी अंचल के जन प्रतिनिधि भी इस खास किंतु महत्त्वपूर्ण हरित क्रांति पैदा करने में सक्षम सपनाई बैराज को लेकर उदासीन ही नही निष्क्रिय हो गए हैं। ऐसे में किसानों की सुधि लेने वाले अब और कोई नही है। जल संसाधन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी एस एन तिवारी ने बताया कि वन विभाग से क्लीयरेंस नही मिल पाई है जिसके कारण भी कार्य रुका हुआ है। नहर निर्माण लेकर भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया चलने की बात तिवारी जी ने कही है लेकिन कब तक निर्माण कार्य पूर्ण होगा को लेकर उन्होंने इसे अनिश्चित कालीन बताया।

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