छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में नक्सल मोर्चे पर ‘बस्तर टाइगर्स’ नाम की स्थानीय युवाओं की एक नई फोर्स खड़ी की जा रही है। इसको लेकर नक्सली घबरा गए हैं। युवाओं की भर्ती को लेकर नक्सलियों के दरभा डिवीजन कमेटी के सचिव साईनाथ ने प्रेस नोट जारी किया है। इस प्रेस नोट में साईनाथ ने कहा है कि शिकार में माहिर युवाओं की ‘बस्तर टाइगर्स’ में भर्ती की जा रही है। पुलिस आदिवासियों को आपस में लड़ा रही है। इधर, दंतेवाड़ा के SP डॉ अभिषेक पल्लव ने नक्सलियों के इस प्रेस नोट को लेकर कहा है कि नक्सली भी मान रहे हैं कि अंदरूनी इलाके के युवा अब उनके खिलाफ हथियार उठाने तैयार हो रहे हैं। जिससे वे बौखलाए हुए हैं।
साईनाथ ने अपने प्रेस नोट में कहा कि आदिवासी युवाओं को बाकी नौकरियों में जाने का रास्ता बंद कर दिया गया है, केवल पुलिस विभाग में भर्ती किए जाने का रास्ता खुला है। पुलिस में भर्ती के लिए किन-किन योग्यताओं का पालन करना चाहिए वो सब छोड़ कर सिर्फ शिकार में माहिर युवाओं को भर्ती किया जा रहा है। साईनाथ ने कहा कि जनआंदोलन को चला रहे नेतृत्व का शिकार कर मारना इनका काम रहेगा। एडसमेटा और सरकेगुड़ा जैसे नरसंहार और बढेंगे। सरकार अपनी ही जनता को मारने के लिए उतावली है। अपनी आंखों को अपनी ही उंगलियों से फोड़वाने की साजिश चल रही है।
साईनाथ ने अपने प्रेस नोट में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने का प्रयास कर रहे हैं। 2022 तक नक्सल मुक्त व कांग्रेस मुक्त कर नया भारत बनाएंगे। जिसका मतलब हिन्दू राष्ट्र निर्माण करने का होगा। उन्होंने माओवादियों के साथ आर-पार की लड़ाई लड़ने की घोषणा भी की है। इसलिए भारतीय सेना को भी जनता पर हमला करने के लिए प्रत्यक्ष रूप से उतारा गया है। साईनाथ ने कहा कि, युद्ध विमान और ड्रोन से भी हमला हुआ है।
क्या है बस्तर टाइगर्स?
बस्तर संभाग में नक्सलियों से लोहा लेने के लिए ‘बस्तर टाइगर’ स्थानीय युवाओं की टीम बनाई जा रही है। इस टीम में बस्तर संभाग के सभी जिलों के 400-400 स्थानीय युवाओं की भर्ती की जा रही है। संभाग भर के कुल 2800 युवा ‘बस्तर फाइटर’ में भर्ती होंगे। अब तक लगभग 15000 हजार से ज्यादा युवाओं ने आवेदन कर दिया है, जिन्हें अब हर जिलों के जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन के द्वारा भर्ती से पहले ट्रेनिंग दी जा रही है। इनमें से कई युवा ऐसे हैं जिनके माता-पिता को नक्सलियों ने उन्हीं की आंखों के सामने मारा है।
