रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। त्योहारी सीजन में लोकल बदमाशों के गिरोह के साथ बाहरी गिरोह भी सक्रिय हो जाता है।10 दिनों में चोरी, लूट की वारदातें बढ़ी हैं। अफसरों ने पुलिसिंग का तरीका बदला है।वारदातों को निपटने बाजारों में पुलिस पेट्रोलिंग टीम के अलावा अब सादी वर्दी में महिला-पुरुष जवानों की तैनाती की गई है।इसके अलावा अपराधियों पर नजर रखने के लिए पुलिस-प्रशासन के कैमरों पर आइटीएमस के जरिए नजर रखी जा रही है।
लूट के साथ उठाईगिरी
पुलिस अफसरों का कहना है कि लूट ही नहीं, बल्कि उठाईगिरी जैसी वारदातों को रोकने पुलिस लगाई गई है। संदिग्धों पर लगातार नजर रखी जा रही है। इसके अलावा सभी थानों से नाबालिग लुटेरों की जानकारी एक दूसरे थाने में भेजी गई है। अब तक चोरी और मोबाइल लूट के मामले में पकड़े गए आरोपित ज्यादातर नाबालिग हैं। इसके अलावा पूर्व में चोरी सहित अन्य वारदाताें में जेल जा चुके आरोपितों पर भी पुलिस की निगाहें हैं।
ये हैं बाहरी गिरोह जो वारदात कर हो जाते हैं फरार
महिलाओं का गिरोह : महाराष्ट्र के नागपुर-अमरावती, उत्तर प्रदेश कानपुर-मेरठ और राज्य के अकलतरा की महिलाएं त्योहार के दौरान उठाईगिरी की करती हैं। सराफा दुकानों में यह वारदात करती हैं। तीन से चार महिलाएं एक साथ दुकान में जाती हैं। संचालक को व्यस्त कर जेवर पार कर फरार हो जाती हैं। इसके बाद गिरोह शहर छोड़कर दूसरे शहर चला जाता है।
फर्जी पुलिस गिरोह : कर्नाटक व महाराष्ट्र का ईरानी गिरोह फर्जी पुलिस वाले बनकर ठगी करते हैं। पहले यह सूनसान जगहों को चिह्नांकित करते हैं। इसके बाद महिलाओं को लूटपाट का डर दिखाकर रोकते हैं, फिर जेवर उतारकर सुरक्षित रखने का झांसा देते हैं। इसके बाद जेवर लेकर फरार हाे जाते हैं।
केमिकल डालकर उठाईगिरी : आंध्रप्रदेश और कर्नाटक का त्रिची गिरोह केमिकल डालकर उठाईगिरी की वारदात करता है। बाजार और शॉपिंग कांप्लेक्स के सामने खड़ी कारों में केमिकल डालकर शीशा तोड़ते हैं और कार में रखा सामान गायब कर देते हैं। राजधानी में त्योहारी सीजन में प्रत्येक वर्ष वारदात होती है।
कार्ड बदलने वाला गिरोह : नोएडा, दिल्ली एनसीआर, हरियाणा के युवक एटीएम बूथ में खड़े होकर मदद के नाम पर एटीएम कार्ड बदलकर पैसे उड़ा देते हैं। ये ज्यादातर बुजुर्ग व ग्रामीण क्षेत्र में ऐसा करते हैं। जब ये पैसा निकालने आते हैं उसी समय गिरोह के सदस्य नजर जमाए रखते हैं और मदद देने की बात करते हैं। और फिर एटीएम कार्ड बदलकर दूसरा थमा देते हैं।
मप्र का जनजाति स्नेचिंग गिरोह : मध्यप्रदेश के जनजाति गिरोह त्योहार के समय ज्यादा चेन स्नेचिंग करते हैं। गिरोह के सदस्य लूट में चोरी की बाइक का उपयोग करते हैं। शहर से बाहर किराए पर मकान लेते हैं। इसके बाद लूट की वारदात करते हैं और वहीं छिप जाते हैं। तीन-चार वारदातें करने के बाद शहर छोड़कर फरार हो जाते हैं। ओडिशा का गिरोह भी कुछ इसी तरह से वारदात को अंजाम देता है।
पूरे महीने त्योहार, सीसीटीवी से निगरानी : नवरात्रि, दशहरा इसी दौरान जश्ने ईद मिलादुन्नबी और उसके बाद दिवाली यानी पूरे महीने एक के बाद एक त्योहार। इसका फायदा गिरोह उठाते हैं। इसके अलावा शहर में किसी भी तरह का दंगा या कोई बड़ा हादसा न हो इसके लिए गलियों में लगे सीसीटीवी और पुलिस पेट्रोलिंग से नजर रखी जा रही है। मुखबिर तंत्र और बेसिक पुलिसिंग पर फाेकस किया गया है।
दुर्ग में बैंक कर्मी के साथ लूट, राजधानी में पुलिस अलर्ट
दिन दहाड़े दुर्ग में बैंक कर्मी से पिस्टल टिकाकर लूट के बाद राजधानी पुलिस अलर्ट हो गई है। सभी थाना प्रभारियों को अलर्ट कर दिया गया है। वहीं साइबर और थाने की सिविल टीम को विशेष निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में पुलिस जवान सादी वर्दी में तैनात हैं। महिला पुलिस भी लगाई गई है।