कोरोना ने पुलिस को मैनेजमेंट की सीख दी, कोरोनाकाल में रायगढ़ पुलिस बनी सुरक्षा कवच

by Kakajee News

रायगढ़। कोरोना हमें बिना सिखाए मैनेजमेंट की सीख दे गया-अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा के यह शब्द कोरोना काल में जिला प्रशासन और पुलिस की सोच को बताते हैं7 कैसे उन्होंने अचानक आई इस महामारी के समय पहले से सीखे सभी जतन छोड़ हर दिन के अनुभव के आधार पर लोगों की न केवल सहायता की बल्कि महामारी से दूर रखने की सीख भी ली। जैसे लॉकडाउन का कार्यान्वयन, लोगों को जरूरी समय पर पहुंचना और इस बीमारी से डरे हुए लोगों को सांत्वना देना या फिर भीड़ को नियंत्रित करना।
लॉकडाउन में भूखे-बेसहारा लोगों को भोजन भी पुलिस ने उपलब्ध कराया। इस दौरान जरूरतमंदो की सहायता के लिए सदैव रायगढ़ पुलिस ने तत्परता दिखायी। एक समय ऐसा भी आया जब कोरोना वारियर्स थोड़े मायूस होने लगे तो उनका जगह-जगह सम्मान और हौसलाआफजाई की गई जिससे वह दोबारा प्रोत्साहित हो । अब तक 312 पुलिसकर्मी संक्रमित हुए जिनमें से 278 अधिकारी-जवान काम पर लौट गए हैं। 34 अभी भी संक्रमित हैं और इलाजरत हैं। जिले में कोरोना ने अपना विकराल रूप नहीं दिखाया तो इसका श्रेय रायगढ़ पुलिस को भी जाता है। स्वास्थ्य विभाग जहां अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए संक्रमितों का इलाज और एतियात संबंधी जानकारी दे रहा था वहीं लोगों में जागरूकता लाने और उन्हें संक्रमित नहीं होने देने का दायित्व पुलिस पर था। मार्च महीने के अंत से अब तक जिला पुलिस कोरोना के व्यापक प्रसार को रोकने में कुछ श्रेय जिले के पुलिस कर्मियों को भी जाता है7 पुलिस ने लोगों को घर में रहने के लिए तरह-तरह के जतन किये– कभी उनके सिपाही कोरोना वायरस का प्रतिरूप लेकर लोगों को लॉकडाउन में मिली छूट के समय में जागरूक करते नजर आये तो कभी कोरोना के आकार में सजी गाड़ी कोरोना की भयावहता को बताती हुयी दिखी।


पुलिस के कार्यों पर एक नजऱ
लॉकडाउन के समय जब मजदूर ट्रेनों से वापस आए तो उनकी टेस्टिंग स्वास्थ्य विभाग कर रहा था पर सारी सुरक्षा व्यवस्था जिला पुलिस के कंधों पर थी। जिले के सभी स्कूलों और क्वारंटीन सेंटर में पुलिस के जवान दिन-रात तैनात रहे। लॉकडाउन से परेशान होकर जब मजदूर मजबूरीवश पैदल अपने घर लौट रहे थे तो रायगढ़ पुलिस ने चहुंओर उनकी सहायता-भोजन चप्पल इत्यादि के लिए 42 कर्मवीर काउंटर खोले 7 जो लोग पैदल अपने घर जा रहे थे उन्हें राज्य की सीमा तक पहुंचाने का प्रबंध पुलिस ने ही किया। जिले के सभी कंटेंमेंट जोन में सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी भी पुलिस की थी।
रक्षाबंधन के दिन मास्क के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए रायगढ़ पुलिस ने एक दिन में एक रक्षासूत्र मास्क का अभियान के तहत 12.50 लाख मास्क बांटे जिसे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड, एशियन बुक ऑफ रिकार्ड और इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज किया गया।


लम्हे जो यादगार बन गए
ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए 50 साल के पुलिसकर्मी गनपत लाल द्वारा शीर्षासन कर लोगों को प्रेरित करना खूब चर्चा में रहा। गणपट लाल ने बताया ऐसा करने से उनका तनाव दूर होता है और अन्य साथियों को प्रेरणा मिलती है। संपूर्ण लॉकडाउन में निरीक्षक युवराज तिवारी द्वारा दूधमुही बच्ची के लिए दूध का प्रबंध करना हो या फिर निरीक्षक विवेक पाटले द्वारा पैदल चलकर घर वापस आ रहे मजदूरों के लिए चप्पल और जरूरत का सामान देना या फिर सिपाही वीरेंद्र कंवर द्वारा बीमार बच्ची के लिए हर दिन अपने हिस्से का खाना छोड़ देना7 ऐसी कई तस्वीरों ने लोगों को आश्चर्य में डाल दिया कि क्या यह वही पुलिस है जिससे वह डरते हैं।


सब की सुरक्षा हमारे कंधो पर : एसपी संतोष सिंह
पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह (आईपीएस) कहते हैं कोरोना जब से शुरू हुआ तब से असाधारण समय चल रहा है। पुलिस की प्राइमरी जिम्मेदारी फ्रंटलाइन वॉरियर्य के तौर पर सब की सुरक्षा करना है। पुलिस ने इसके लिए सरकार की गाइडलाइन का पालन कराने की कोशिश की। पुलिस सख्ती, कार्रवाई, जागरूकता और समझाइश का काम कर रही है। हम इस बात का विशेष ख्याल रख रहे हैं कि लोगों को दिक्कत न हो। रायगढ़ के लोगों के सहयोग के कारण ही लॉकडाउन और अनलॉक का अच्छे से पालन हुआ। लोगों को अब ज्यादा सावधान रहना है। कोरोना का संक्रमण अभी खत्म नहीं हुआ है। लोग मास्क पहनें और दो गज दूरी का जरूर पालन करें।


मानसिक संतुलन बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती: एएसपी वर्मा
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा कहते हैं कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए पूरा पुलिस बल लगा है। ऐसा नहीं था कि हमें संक्रमण का खतरा नहीं है पर हम पर ही लोगों को संक्रमण से बचाने की जिम्मेदारी थी। हमारे साथी लगातार ड्यूटी करके और कोरोना के बढ़ते प्रभाव के कारण में तनाव में आए। उनसे तनाव को दूर रखना हमारी सबसे बड़ी चुनौती थी। तरह-तरह के जतन करके सभी का मनोबल बढ़ाया गया।

Related Posts