बिलासपुर। नए साल के पहले दिन छत्तीसगढ़ का प्रमुख पर्यटन स्थल मैनपाट पर्यटकों से गुलजार रहा।सुबह से छत्तीसगढ़ के कोने-कोने से सैलानियों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। पिछले वर्षों तक शाम ढलने के बाद गिनती के पर्यटक की मैनपाट में रुका करते थे, लेकिन इस बार माहौल पूरी तरीके से बदला नजर आया।
मैनपाट के पर्यटन स्थलों पर अलाव की व्यवस्था और डीजे की धुन में आधी रात तक पर्यटक मौज मस्ती में लगे रहे।पर्यटन स्थलों को आकर्षक तरीके से सजाया भी गया था। पहली बार नए साल के पहले दिन मैनपाट के पर्यटन स्थलों का नजारा पूरी तरीके से बदला हुआ नजर आया। मैनपाट में सुविधाओं का विस्तार तेजी से किया जा रहा है, लेकिन अब भी विशेष अवसरों पर पहुंचने वाले सैलानियों की संख्या के अनुरूप यहां सुविधाओं की कमी है। पर्यटन विभाग के मोटल के अलावा शासकीय तौर पर पर्यटकों के रुकने के लिए कोई दूसरे इंतजाम नहीं है।
निजी क्षेत्र के तीन होटल उपलब्ध है, लेकिन यहां पहुंचने वाले लोगों की संख्या की तुलना में यह व्यवस्था भी नाकाफी होती है, इसके बावजूद मैनपाट की खूबसूरती लोगों को आकर्षित करती है। स्थानीय सैलानी सुविधाओं की कमी की वजह से शाम होने के बाद मैनपाट से वापस लौट आते हैं, लेकिन इस बार मैनपाट में रात गुजारने वाले सैलानियों की संख्या में वृद्धि देखी गई।
आधी रात तक सजे- धजे पर्यटन स्थलों पर परिवार के सदस्यों के साथ लोग नाच गाने में व्यस्त रहे। जगह-जगह अलाव की व्यवस्था की गई थी।चारों ओर माहौल खुशनुमा बना हुआ था। बाहर से आने वाले सैलानियों ने ही नए साल का जश्न मैनपाट में नहीं मनाया बल्कि मैनपाट के स्थानीय लोगों ने भी परंपरागत वाद्य यंत्रों के साथ गीत- संगीत के बीच मैनपाट के पर्यटन स्थलों पर पहुंचकर नए साल का स्वागत किया।
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