रायपुर । पिता नरेंद्र और माता मेनु बंजारे बहुत खुश हैं क्योंकि उनकी आवाज अब उनके बच्चों के कानों में पहुंचने लगी है और उनके तीनों बच्चे अब उनकी आवाज पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं ।
नरेंद्र और मेनु बंजारे के तीनों बच्चे जन्म से ही ठीक से सुन नहीं सकते थे। बड़ा बेटा तो पास से गुजरने वाले ट्रक की आवाज भी नही सुनता था । नरेंद्र ने बताया कृष (16 वर्ष), प्रतिभा (14) और यांबिका (7) को जब श्रवण यंत्र मिला तो तीनों बच्चों ने हाथ का इशारा कर बताया की आवाज आने लगी है ।
रायपुर जिले के ग्राम धुसेरा, अभनपुर निवासी नरेंद्र ने बताया वह तीनों बच्चों के साथ ग्राम और ग्राम के आसपास लगने वाला कोई भी ऐसा स्वास्थ्य शिविर नहीं था जहां वह न गया हो। आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण नियमित रूप से इलाज नहीं करवाया। भगवान की नियति ऐसी की तीनों बच्चे सुनने में असमर्थ थे और पैसे के अभाव में परेशानी और बढ़ गई।
फिर चिरायु की टीम अभनपुर आई और नरेन्द्र के तीनों बच्चों की जांच की और बताया कि बच्चे को जिला अस्पताल, पंडरी में ले जाकर कान की जांच करवानी होगी उसके बाद इसका नियमित इलाज किया जाएगा । जिला अस्पताल में तीनों बच्चों के कान की जांच की गई और तीनों बच्चों को श्रवण यंत्र निशुल्क दिए गए । “अब मेरे बच्चे मेरी आवाज पर मुस्कुराते हैं और बोलने का भी प्रयास भी करते हैं ।
जिले में चिरायु योजना के तहत कान की समस्या से जूझ रहे बच्चों को श्रवण यंत्र प्रदान किए जा रहे है । चिरायु योजना का उद्देश्य बच्चों में होने वाली बीमारियों को समय रहते पहचान करना एवं उन्हें उपचार के लिए पहुंचाना है ।
सुनने के बाद ही करेंगे बोलने की कोशिश
नरेंद्र का कहना है: ‘’डॉक्टरों ने बताया है कि बच्चे सुनेंगे तो बोलने का प्रयास भी करेंगे। पहले इनको सुनाई नहीं पड़ता था तो यह बोल नहीं पाते थे । लेकिन अब यह बोलने का प्रयास करेंगे जल्दी आप इनकी आवाज भी सुन सकेंगे।
श्रवण यंत्र वितरण की जानकारी देते हुए खुशबू भुआर्य ऑडियोलॉजिस्ट ने बताया: ’’जिले में चिरायु टीम द्वारा 150 बच्चों का चिन्हांकन किया गया है । अब तक 38 लोगों की जांच की जा चुकी है । साथ ही 4 बच्चों को श्रवण यंत्र का वितरण किया गया है । इन बच्चों को सुनने में परेशानी थी । जिले में जिलाधीश एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी के निर्देश पर श्रवण बाधित बच्चों की जांच कर उन्हें निःशुल्क श्रवण यंत्र एवं सर्टिफिकेट प्रदाय कर उचित परामर्श प्रदाय किया जा रहा है ।
श्रवण यंत्र वितरण के अवसर पर सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक डॉ. पीके गुप्ता, कान,नाक,गला विभाग के डॉ.शुभा राव सक्सेना, डॉ.एसके भंडारी विशेषज्ञ कान,नाक,गला, एवं डॉ.नीरज ओझा अस्पताल सलाहकार मौजूद रहे ।
चिरायु योजना क्या है
चिरायु योजना छत्तीसगढ़ राज्य की स्वास्थ्य योजना है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत चिरायु योजना को 6 अगस्त 2014 से सत्य साई संजीवनी हॉस्पिटल में लॉन्च किया गया था, इसके बाद इससे सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ के लिए लॉन्च किया गया। योजना के अंतर्गत 6 से 18 वर्ष तक के बच्चों की स्क्रीनिंग की जाती है। बच्चे में कोई बीमारी पाई जाती है तो उसका निशुल्क इलाज किया जाता है। बच्चों की स्क्रीनिंग के लिए चिरायु टीम अलग-अलग जगह पर जाकर जांच करती है।
चिरायु योजना का उद्देश्य
कई बच्चे जन्म से ही कुछ बीमारियों के साथ पैदा होते हैं, कुछ अन्य किसी कारण से गंभीर बीमारी का शिकार हो जाते हैं। उचित उपचार न मिलने से बीमारियां उनके शरीर में धीरे-धीरे बढ़ती जाती हैं और गंभीर रूप ले लेती हैं। इस योजना का उद्देश्य बच्चों की बीमारी को गंभीर स्थिति में पहुँचने से पहले ठीक करना है। योजना के माध्यम से आंगनबाड़ी, स्कूल और अन्य स्थानों पर चिरायु टीम द्वारा जांच केंद्र स्थापित कर बच्चों की स्क्रीनिंग की जाती है
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छत्तीसगढ़ की चिरायु योजना का लाभ
योजना के तहत चिकित्सा विशेषज्ञों द्वारा यह स्क्रीनिंग की जाती है। बच्चों की स्क्रीनिंग हेतु जांच केंद्र लगाए जाते हैं।बच्चों की फ्री स्क्रीनिंग की जाती है जिसमें आँख से कम दिखाई देना, कानों से कम सुनाई देना, विटामिन की कमी, एनीमिया, हृदय रोग, जैसी बीमारियों की पहचान कर उनका इलाज किया जाता है। कोई बच्चा गंभीर स्थिति में है तो उसे टीम द्वारा तुरंत नजदीकी हॉस्पिटल भेज दिया जाता है।