डेस्क न्यूज। छत्तीसगढ़ के दक्षिण क्षेत्र यानी बस्तर और उससे लगे पड़ोसी राज्यों में भारी बारिश का दौर जारी है। बारिश से कोंटा और चट्टी के बीच विरापुरम के पास सड़क पर 5 फीट पानी भरा होने से नेशनल हाईवे-30 पिछले 10 दिनों से बंद है। भद्राचलम में गोदावरी नदी का जलस्तर बढ़ने से कोंटा में शबरी नदी का बहाव रुक गया है। शबरी नदी का बैक वॉटर खेत-खलिहान और सड़कों में जमा हो गया है। पिछले 10 दिनों से एनएच-30 बंद होने से दक्षिण भारत की ओर जाने वाले सैकड़ों वाहन कोंटा और आध्र प्रदेश की सीमा पर फंसे हैं। भारी बारिश से बस्तर सहित छत्तीसगढ़ का तेंलगाना और आंध्र प्रदेश से संपर्क टूट गया है। बाढ़ में फंसे ट्रक चालकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इधर मौसम विभाग ने फिर भारी बारिश की संभावना जताई है।
गुरुवार को दिनभर तेज धूप और चिपचिपी गर्मी के बाद देर शाम प्रदेश के बिलासपुर, राजनांदगांव सहित कई जिलों में बारिश हुई है। मौसम विभाग ने मौसमी तंत्र प्रबल होने की संभावना जताई है और भारी बारिश की चेतावनी दी है। 19 से 21 अगस्त तक छत्तीसगढ़ में एक बार फिर मौसम बिगड़ सकता है। पिछले दिनों हुई बारिश के बाद नदी-नाले उफान पर थे। महानदी में गंगरेल व शिवनाथ नदी तांदुला, खरखरा, मोंगरा बांधों से हजारों क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिससे डाउनस्ट्रीम के जिलों में बाढ़ के हालात थे। नदी किनारे बसे गांवों को खाली कराया गया था।
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि प्रदेश में अच्छी बारिश हुई है। बाढ़ से क्षति का आकलन किया जाएगा। प्रशासनिक अफसरों को नजर बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं।
मौसम विज्ञानी एचपी चंद्रा के मुताबिक एक निम्न दाब का क्षेत्र उत्तर पूर्व बंगाल की खाड़ी और उससे लगे दक्षिण-पूर्व बांग्लादेश के ऊपर स्थित है। इसके अगले 24 घंटे में और प्रबल होकर अवदाब के रूप में परिवर्तित होने की संभावना है। मौसमी तंत्र एक्टिव होने के बाद पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में गंगेटिक पश्चिम बंगाल, उत्तर ओडिशा, झारखंड और उत्तर छत्तीसगढ़ होते हुए आगे बढ़ने की संभावना है।
मॉनसून द्रोणिका दक्षिण-पूर्व पाकिस्तान उससे लगे दक्षिण-पश्चिम राजस्थान, चूरू, दिल्ली, बरेली, मालदा, कोलकाता और उसके बाद दक्षिण-पूर्व की ओर निम्न दाब के केंद्र तटीय बांग्लादेश तक स्थित है। 19 अगस्त को अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। प्रदेश में एक-दो स्थानों पर गरज चमक के साथ भारी से अति भारी बारिश हो सकती है। भारी बारिश का क्षेत्र मुख्यतः दक्षिण छत्तीसगढ़ यानी रायपुर व दुर्ग संभाग और उससे लगे उत्तर छत्तीसगढ़ यानी सरगुजा संभाग संभावित है।