रायगढ़ । एसपी अभिषेक मीना के दिशा निर्देशन एवं एडिशनल एसपी संजय महादेवा व सीएसपी रायगढ़ अभिषेक उपाध्याय के मार्गदर्शन पर शहर के थाना कोतवाली, चक्रधरनगर और चौकी जूटमिल क्षेत्र के निगरानी, गुंडा एवं आदतन बदमाशों को प्रभारियों द्वारा में थाना/चौकी में हाजिर कराया गया।
थाना, चौकी प्रभारियों द्वारा बदमाशों को सचेत कराया गया कि उनकी हर एक गतिविधियों पर पुलिस निगाह रखे हुए हैं । अपराधिक गतिविधियों से दूर रहकर शांतिपूर्ण जीवन यापन करें, जिससे निगरानी रजिस्टर, गुण्डा बदमाश सूची से उनका नाम हटाया जाए और यदि अपराधिक मामलों में संलग्न पाए गये तो दंडात्मक कार्यवाही जिसमें जिला बदर अथवा 110 CrPC के लिए तैयार रहें ।
जिला पुलिस द्वारा समय-समय पर इस प्रकार बदमाशों की परेड लगाकर उनकी फाइलों की समीक्षा कर उनके वर्तमान गतिविधियों एवं जीवन यापन के स्त्रोत की समीक्षा कर आवश्यक कार्यवाही किया जाता है । गत माह जून में एसपी श्री मीना के निर्देशन पर तत्कालीन नगर पुलिस अधीक्षक दीपक मिश्रा द्वारा पुलिस कंट्रोल रूम में बदमाशों को हाजिर कराया गया था, वहीं कोतरारोड थाना प्रभारी उपनिरीक्षक गिरधारी साव द्वारा थाने के किरोड़ीमल क्षेत्र के बदमाशों की पुलिस सहायता केंद्र किरोड़ीमल में हाजिर कर लडाई, झगड़ो मारपीट से दूर रहने अन्यथा कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी ।
आज थाना प्रभारी कोतवाली निरीक्षक शनिप रात्रे, थाना प्रभारी चक्रधरनगर प्रवीण मिंज तथा सायबर सेल/चौकी प्रभारी जूटमिल उप निरीक्षक कमल किशोर पटेल द्वारा कड़े शब्दों में बदमाशों को फटकार लगाते हुए चेतावनी दिए हैं कि आपराधिक प्रवृत्तियां छोड़ दें सामाजिक तौर पर जीवन यापन करें, यदि किसी प्रकार की परेशानी है तो पुलिस उनकी मदद करेगी । चौकी प्रभारी उनके क्षेत्र के 20 बदमाशों को चौकी बुलाकर कड़ी चेतावनी दी गई है, वहीं कोतरारोड़ थाना प्रभारी उप निरीक्षक गिरधारी साव क्षेत्र के 6 गुण्डा बदमाशों को स्टाफ के साथ चेक किया गया जो सभी अपने सकुनत से फरार हैं । थाना, चौकी प्रभारियों द्वारा आज शहर के कुल 33 गुण्डा/निगरानी बदमाशों को चेक किया गया है ।
एडिशनल एसपी संजय महादेवा द्वारा थाना, चौकी प्रभारियों को निर्देशित किया गया है कि सभी बदमाशों की फाइलों की अच्छे से समीक्षा करें । सक्रिय बदमाशों की फाइलें बंद ना करें वहीं ऐसे बदमाश जो वृद्ध हो गए हो अपराधिक गतिविधियों से दूर है जिनकी शिकायतें आना बंद हो उनकी फाइलें अपने पर्यवेक्षण अधिकारी से अग्रेषित कर पुलिस अधीक्षक महोदय को भेजे ताकि ऐसे बदमाशों की फाइलें बंद किया जा सकें ।