सरस्वती शिशु मंदिर द्वारा सुभाष चन्द्र बोस जयंती पर शारीरिक वार्षिक उत्सव का हुआ आयोजन

by Kakajee News

रायगढ़। सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लक्ष्मीपुर ,राजीवनगर, लोचननगर रायगढ़ के द्वारा सुभाष चन्द्र बोस जयंती के उपलक्ष्य में शारीरिक वार्षिकोत्सव कार्यक्रम रामलीला मैदान के प्रसिद्ध रंगमंच में ओ0पी0चैधरी के मुख्य अतिथ्य में प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ी रंगमंच कलाकार एवं पद्मश्री अनुज शर्मा की अध्यक्षता, में जुड़ावन ठाकुर प्रांतीय अध्यक्ष छत्तीसगढ़ सरस्वती शिक्षा संस्थान रायपुर प्रमुख वक्ता सहित श्रीमती जानकी काटजू महापौर नगर पालिक निगम् रायगढ़ के विशिष्ट आतिथ्य में ऊॅ.सरस्वती , भारत माता सहित सुभाष चन्द्र बोसकी प्रतिमा पर पुष्प माला सहित पूजन अर्पण संम्पन्न किया गया। तत्पष्चात अतिथि परिचय वरि0 रामप्रसाद दुबे एवं तिलक चंदन से मंचासीन अतिथियों का स्वागत प्रधानाचार्य रमेशधर द्विवेदी द्वारा किया गया।


कार्यक्रम का शुभारंभ सांस्कृतिक कार्यक्रम स्वागत गान, छत्तीसगढ़ी गीत सहित उड़िया नृत्य से प्रारंभ हुआ जिसकी भूरी भूरी प्रषंसा की गई उसके बाद स्वागत भाषण एवं विद्यालय प्रतिवेदन सरस्वती शिशु मंदिर समिति के व्यवस्थापक अजय अग्रवाल ने विद्यालय के प्रारंभ से लेकर विद्यालयीन व्यवस्था, संस्कृत, संगीत, शारीरिक सहित अंग्रेजी, वैदिक गणित, उड़िया, मराठी एवं आध्यात्मिक एवं नैतिक षिक्षा सहित नवाचार विषयों की भी शिक्षा दी जाती है। विद्यालय की शिक्षा अच्छी शिक्षा के कारण भैया/बहिन प्राविण्य में भी आते है।


संस्थान की योजना के अनुसार संचालन होता है हमारे विद्यालय से पढे़ विद्यार्थी कलेक्टर, एस.पी. ,सी.एस.पी. , डाॅक्टर , इंजीनियर , सी.ए. जैसे क्षेत्र में सेवा दे रहे है। जन संवाद एवं समाज सम्पर्क के तहत हमारी शिक्षा पद्धति , संस्कार को लेकर लगभग 48 वार्डों के 49 पोषक ग्राम सहित नगर 4502 घरों के संवाद स्थापित किये हैं। 117 पूर्व छात्र 17 पूर्व आचार्य 61 वर्तमान आचार्य 22 समिति सदस्य 2 प्रांतीय अधिकारी 88 सामाजिक पकड व्यक्ति सहित 309 कार्यकत्र्ताओं ने अपना समयदान किया है। हमारे विद्यालय में आधुनिक शिशु वाटिका, वात्सल्य के नाम से संचालित है। हमारे विद्यालय को संस्थान वेतनमान, भविष्य निधि , ग्रुप ग्रेच्युटी, समूह बीमा,कर्मचारी राज्यबीमा के हित कार्यकत्र्ता लाभान्वित हो रहे है। आप सभी को 26 जनवरी एवं वसंत पंचमी की षुभकामनाएॅं। इसके पष्चात् डंबल , पताका, दण्ड चालन , चक्र समता प्रदर्षन तीनों विद्यालय के भैया बहिनों द्वारा किया गया एवं खूब तालिया बटोरी।


उद्बोधन की कड़ी में सरस्वती षिक्षा संस्थान के प्रादेषिक अध्यक्ष मान0जुड़ावन सिंह (मुख्य वक्ता) के द्वारा विद्या भारती के प्रयासो एवं षारीरिक कार्यक्रम के महत्व में हमारे विद्यालय की भूमिका पर प्रकाष डाला। तत्पष्चात् लेजिम, योगचाप, व्यायाम ,षारीरिक दण्डसान,स्केटिंग, ताइक्वाडो का भव्य प्रदर्षन तीनो विद्यालय लिय के भैया बहिनो द्वारा किया गया ।


मुख्य अतिथ्य उद्बोधन के तहत ओ.पी.चैधरी (पूर्व आई.ए.एस.) ने अपने जीवन वृतांत को सुनाते हुए पढ़ाई एंव संस्कार के महत्व पर प्रकाष डाला एवं मातृभाषा सहित विद्या भारती के षिक्षा सिद्धांत को ग्रहण करने की प्रेरणा दी एवं जो भैया बहिन आई.ए.एस. की तैयारी के संबंध में मुझसे मिल सकते है । मैं सहयोग रूप सभी ने करतल ध्वनि से स्वागत किया। तत्पष्चात रोपस्कीपिंग, सूर्यनमस्कार, योगासन , फेन्सिग, जूडो, कुष्ती, पिरामिड किंक बाक्सिंग का प्रदर्षन भैया बहिनों द्वारा किया गया , उपरोक्त सभी प्रदर्षन हमारे विद्यालय में लगातार होते रहते है एवं ओलंपिक से मान्यता प्राप्त है।
दर्षकों ने भैया बहिनों का उत्साहवर्धन किया। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए अध्यक्षीय उद्बोधन हेतु पद्मश्री अनुज षर्मा ने बेहतर षमा बाधते हुए छत्तीसगढ़ी में अपना उद्बोधन देते हुए बताया कि हमारी संस्कृति एवं परम्परा के अनुरूप सरस्वती षिषु मंदिरों में षिक्षा जो दी जाती है वह अत्यन्त प्रषंसनीय है। सरस्वती षिषु मंदिरों में जिस प्रकार की षिक्षा दीक्षा दी जाती है वह अन्य विद्यालयों में संभव नहीं है। अतः आप सभी अपने पाल्यों को उत्तम षिक्षा इस संस्था में अवष्य दिलवाये अपनी संस्कृति में षिक्षा लेना बेहद गर्व की बात है। दर्षकों की बेहद फरमाइष पर माॅं बाप लझिन भुला हो वाला गाना गा कर प्रषंसा बटोरी ।


अंत में व्यवस्थापक अजय अग्रवाल द्वारा मुख्य अतिथि जी ओ.पी.चैधरी कार्यक्रम अध्यक्ष पद्मश्री अनुज षर्मा , महापौर जानकी काटजू मुख्य वक्ता जुड़ावन सिंह सहित संस्थान के पदाधिकारी को प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मान किया। कार्यक्रम के। अंत में उपस्थित माताओं पालकों सहित अभ्यागतों का आभार प्रकट कार्यक्रम संयोजक एवं कोषाध्यक्ष सौरभ अग्रवाल ने किया कार्यक्रम को सफल बनाने में तीनो विद्यालय के आचार्य बन्धु भगिनी सहित पूर्व छात्र विकास केडिया, अंकित मिश्रा एवं पूर्व आचार्यों का सहयोग रहा। कार्यक्रम संचालन विद्यालय के वरि0आचार्य रामप्रसाद दुबे एवं श्रीमती निषा ब्रह्मभट्ट ने किया।

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