नई दिल्ली। सोने की चिड़िया कहे जाने वाले भारत देश को अंग्रेजों ने गुलामी के दौर में किस तरह लूटा, उसका एक उदाहरण एसएस गैरसोप्पा जहाज की खोज से ही पता लगाया जा सकता है। पुरातत्वविदों ने साल 2011 में समुद्र में डूबे ऐतिहासिक गैरसोप्पा जहाज को खोज निकाला था। इतिहासकारों व पुरातत्वविदों को मुताबिक गुलामी के दौर में अंग्रेज भारत से धन लूटकर ब्रिटेन भेजते थे। ऐसे ही द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अंग्रेजों ने कोलकाता के तट से 14 अरब रूपए की चांदी से भरे गैरसोप्पा जहाज को रवाना किया था, ताकि दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल इस संपत्ति का इस्तेमाल अपने दुश्मन देश जर्मनी के खिलाफ कर सकें, लेकिन जर्मनी के तानाशाह हिटलर को इसकी जहाज के बारे में जानकारी मिल गई और उसने 14 अरब रूपए की चांदी से भरे इस जहाज पर हमला कर दिया है। आइए जानते हैं क्या है पूरा किस्सा ..
जब गैरसोप्पा जहाज भारत से चांदी लादकर आयरलैंड की ओर जा रहा था, तब रास्ते में उसका ईंधन खत्म हो गया था और दौरान एक जर्मन टारपीडो ने हमला कर दिया। पुरातात्विकों व इतिहासकारों के मुताबिक हमले में जहाज बुरी तरह से तबाह हो गया था और उसमें सवार सभी 85 लोग मारे गए थे। साथ ही 14 अरब रुपए की चांदी के साथ यह जहाज समुद्र में दफन हो गया था।
इस चांदी की खोज करने वाले दल ओडसी मरीन ग्रुप के शोधकर्ताओं का कहना है कि फिलहाल इस जहाज से 99 फीसदी चांदी निकाली जा चुकी है। इस दल के प्रमुख अधिकारी ग्रेग स्टेम का कहना है कि समुद्र में डूबे हुए जहाज से चांदी निकालना बेहद चुनौतीपूर्ण कार्य था। उन्होंने बताया कि जहाज में चांदी को एक छोटे से कंपार्टमेंट में सुरक्षित रखा गया था, ऐसे में समुद्र में गहराई में जाकर डूबे हुए जहाज के कंपार्टमेंट जाकर चांदी को निकालना बेहद कठिन कार्य था।
समुद्र में टाइटैनिक से भी ज्यादा गहराई पर था गैरसोप्पा जहाज
ओडसी मरीन दल के अध्यक्ष मार्क गॉर्डन ने कहा कि समुद्र में इतनी ज्यादा गहराई से अभी तक किसी भी खजाना नहीं निकाला है। यह एक रिकॉर्ड है। गॉर्डन ने कहा कि 2013 में उत्तरी अटलांटिक में नाजियों के डुबोए गए एक जहाज से 2.3 मिलियन पाउंड का खजाना निकाला गया था। एसएस गैरसोप्पा समुद्र में 3000 फुट नीचे चला गया, जो टाइटेनिक से भी ज्यादा गहराई में था। यह खजाना बीते 70 साल से समुद्र में डूबा हुआ था।