एक महीने में नक्सलियों ने 3 नेताओं की कर दी हत्या , क्या नेता है नक्सलियों के रडार में….! आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरु………..पढ़िये पूरी खबर

by Kakajee News

चुनाव नजदीक आते ही नक्सली एक्टिव हो जाते है | ऐसे में चुनाव से ठीक पहले प्रदेश में बीजेपी के नेता नक्सलियों के टारगेट में है | बतादें कि पिछले एक महीने में 3 नेताओं की नक्सलियों ने हत्या कर दी | मामले में आरोप प्रत्यारोप का दौर भी शुरु हो गया है | भाजपा ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव तक अभी कई हत्याएं होंगी, कई लोगों को फंसाया जाएगा |

हालांकि सीएम भूपेश ने कहा कि बीजेपी 15 साल तक सत्ता में रहें, जब भी इस तरह की घटना होती थी तो कहते थे कि इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए | आज जैसे ही एक मामला आया वे उसमें राजनीति देखने लगे हैं । नक्सलियों का दंश सबसे अधिक किसी पार्टी ने झेला है तो वह कांग्रेस पार्टी ने । झीरम कांड के लिए रमन सिंह को नार्को टेस्ट के लिए आगे आना चाहिए। नेताओ के इस बयान के बाद राजनीति में एक बार फिर उफान आ सकता है |

गौरतलब है कि 2013 विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेताओ के काफिले पर नक्सलियों ने हमला कर दिया था जिसमे कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व समेत 30 से ज्यादा लोगो की जान चली गई थी | हीं 2019 में बीजेपी विधायक भीमा मंडावी के काफिले को बम से उड़कर भीमा मंडावी की नक्सलियों ने हत्या की थी | अब एक बार फिर चुनाव से पहले बीजेपी नेता नक्सलियों के टारगेट में है | पिछले एक महीने की बात करें तो इसमें जगदलपुर के बुधराम करटाम, बीजापुर के नीलकंठ कक्केम और बीती रात को नारायणपुर के जिला उपाध्यक्ष सागर साहू की नक्सलियों ने हत्या कर दी है | लगातार हो रही इन हत्याओं से प्रदेश का माहौल गर्म हो रहा है । पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि चुनाव तक अभी कई हत्याएं होंगी, कई लोगों को फंसाया जाएगा |

एक नकारात्मक पहलू पर कांग्रेस खड़ी है वे उसी पर चुनाव लड़ेगी | तो पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि हर एक हत्या का हिसाब होगा । भाजपा को ही टारगेट बनाया जा रहा है, इसके राजनीतिक कारण और राजनीतिक संदर्भ निकाले जा सकते हैं । कहीं न कहीं इसमें मिलीभगत है । इसमें जांच होनी चाहिए और इस तरह की घटनाएं रोकी जानी चाहिए |

इधर जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि रमन सिंह 15 साल तक सत्ता में रहें, जब भी इस तरह की घटना होती थी तो कहते थे कि इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए । आज जैसे ही एक मामला आया वे उसमें राजनीति देखने लगे हैं । नक्सलियों का दंश सबसे अधिक किसी पार्टी ने झेला है तो वह कांग्रेस पार्टी ने । रमन सिंह के शासन में ही हुआ था जब हमारे प्रथम पंक्ति के सारे नेता शहीद हो गए । इसीलिए हम कहते हैं कि वह राजनीतिक आपराधिक षडयंत्र था । उसकी जांच हमें दे दें । उस दिन भी हम लोगों ने कहा था कि नार्को टेस्ट करा लें रमन सिंह, मुकेश गुप्ता और अमित जोगी । लेकिन उस मामले में बिल्कुल मौन साध गए ।

अगर वे कवासी लखमा का नार्को टेस्ट मांग रहे हैं तो इनका भी नार्को टेस्ट हो जाए। क्यों चुप हैं । सामने आ जाएं। यही तो हम कह रहे हैं कि उसमें जाे राजनीतिक आपराधिक षडयंत्र है वह सामने आ जाए। हत्या हुई है इससे कोई इन्कार नहीं है। लेकिन उसमें षड़यंत्र छिपा हुआ है यह उजागर होना चाहिए । तो नार्को टेस्ट के लिए रमन सिंह को खुद सामने आना चाहिए ।

बताया जाता है कि उपाध्यक्ष सागर साहू काफी लंबे समय से बीजेपी के सदस्य थे और उन्हें बीजेपी जिला उपाध्यक्ष बनाया गया था | वहीं इस घटना के बाद से पूरे इलाके में दहशत का माहौल है | उधर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत दिग्गज नेता श्रद्धांजलि देने लिए सागर साहू के गृह ग्राम पहुंचे | फिलहाल पुलिस मर्ग कायम कर पूरी घटना की जांच में जुटी हुई है और नक़्सलियों की स्माल एक्शन टीम के बारे में भी पता लगा रही है |

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