बलरामपुर। बलरामपुर जिले के कोटपाली गांव में एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत ईट भट्ठे के उपर सोते समय हो गई। इन तीनों को नींद आने के बाद यह पता ही नही चला कि कब मौत ने उनको अपनी आगोश में ले लिया। इनमंे से एक अन्य साथी गंभीर रूप से झुलस गया है जिसे अंबिकापुर मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया है। इस घटना की सूचना सुबह उनके अन्य साथियों ने जब अपने साथियों को मृत अवस्था में देखा तब मामले की जानकारी पुलिस को दी और पुलिस की टीम ने वहां पहुंचकर तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिये भेजकर जांच शुरू कर दी है। जिन तीन लोगों की मौत हुई है उनमें तीनों पुरूष हैं और इनका एक साथी अचानक पसीने से परेशान होकर नींद से जाग गया जिसे गंभीर अवस्था में अस्पताल भेजा गया है।
सरगुजा संभाग के अंतर्गत आने वाले बलरामपुर जिले के गणेश मोर पुलिस चैकी अंतर्गत कोटपाली गांव एक दर्दनाक घटना सामने आई है जिसमंे ईट भट्ठा में काम करने वाले तीन लोगों की मौत ईट भट्ठे के उपर सोते समय हो गई और इनका एक साथी अभी भी जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहा है। बताया जा रहा है कि ईट भट्ठा में काम करने के बाद थमे मांदे तीनों मजदूर ईट भट्ठे के उपर सो रहे थे जहां भट्ठे से निकल रही आग के धुंए से इनका दम घुट गया और सोते समय ही तीनों की मौत हो गई। वहां एक अन्य साथी झुलस जाने से जाग गया जिसे गंभीर अवस्था में अंबिकापुर मेडिकल कालेज भेजा गया है।
इस घटना की जानकारी देते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार नायक ने बताया कि मृतक के साथियों के अनुसार जिन तीन लोगों की मौत हुई वे खाना खाने के बाद भट्ठे के उपर सो रहे थे और सुबह उनकी लाश मिली। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक का कहना है कि ईट भट्ठे से निकलने वाली आग के धुंए से इनका दम घुट गया और तीनों की मौत हो गई इनका एक साथी अभी भी अस्पताल में भर्ती है। उन्होंने यह भी बताया कि तीनांे शवों को पोस्टमार्टम के लिये भेजा गया है।
बहरहाल एक अन्य जानकारी के अनुसार सरगुजा जिले के कुछ गांवो में जंगली हाथियों का आतंक की भी जानकारी मिली है और ऐसा बताया जा रहा है कि ईट भट्ठा में काम करने वाले गरीब मजदूर जंगली हाथियों से जान बचाने के लिये जलते हुए ईट भट्ठे के उपर सोने को मजबूर थे। लेकिन फिलहाल पुलिस ने इस मामले में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।