घरघोड़ा तमनार के मध्य सड़क से लगे हुए घर एवं जमीनों के चौड़ीकरण के एवज में छत्तीसगढ़ शासन पीडब्ल्यूडी विभाग ने प्रभावित लोगों को शासन की गाइड लाइन के अनुसार मुआवजा देना था जिसमें 6 वर्ष बीतने के बावजूद भी प्रभावित लोगों को मुआवजा अभी तक नहीं दिया गया
विश्वस्त सूत्रों से जानकारी मिली है कि पूर्व में रहे घरघोड़ा अनुविभागीय अधिकारी के द्वारा घरघोड़ा तमनार प्रभावित कुछ व्यक्तियों को मनचाहे तरीके से जमीन एवं भवन घरों का मूल्यांकन कराकर अनाप-शनाप बढ़ा चढ़ाकर मुआवजा कमीशन बेस पर बांटा गया है जिसकी जांच अगर होगी तो मुआवजा पत्रक तथा गाइडलाइन के अनुसार भ्रष्टाचार का दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा
प्रभावित किसानों जो अब तक तहसील कार्यालय के आसपास रोजाना भटकते नजर आ रहे हैं अभी भी विभाग के बाबुओं द्वारा कहा जाता है कि पीडब्ल्यूडी विभाग ने पैसे जमा नहीं किए हैं तो कहां से आप लोगों को मुआवजा देंगे जबकि मुआवजा पत्रक में पीडब्ल्यूडी विभाग ने पैसे जमा किए हैं कुछ पैसे जमा बाकी है जो अब तक नहीं हुए हैं यह भी स्थानीय प्रशासन की लचीली व्यवस्था को उजागर करता है
मुआवजा पत्रक में चेक के माध्यम से प्रभावित किसानों को क्रमानुसार मुआवजा दिया जाना था लेकिन पूर्व एसडीएम के द्वारा अपने चहेतों को मुआवजा सूची से छाठ छाठ कर मुआवजा दिया अगर इसकी जांच होगी तो एक और भ्रष्टाचार का खुलासा होगा प्रभावित किसानों को अब भरोसा रायगढ़ के संवेदनशील कलेक्टर श्री तारण प्रकाश सिन्हा जी से उम्मीद ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि न्याय दिलाएंगे