चंडीगढ़ पुलिस का एक और कारनामा सामने आया है। पुलिस ने दो बच्चों के पिता को नाबालिग बताकर उसका अंडर एज ड्राइविंग का चालान कर दिया। साथ ही स्कूटर जब्त कर लिया। पुलिस के इस कारनामे का खुलासा तब हुआ जब पीड़ित ने चालान को गलत बताते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया।
पीड़ित राजू मूलरूप से उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले का रहने वाला है। वह चंडीगढ़ के सेक्टर-52 में स्कूटर मैकेनिक का काम करता है। पीड़ित के वकील सुदेश कुमार खुर्चा ने बताया कि राजू मार्च 2023 में मरम्मत के लिए एक स्कूटर को पैदल ही अपनी वर्कशॉप पर लेकर जा रहा था। इस दौरान पुलिस ने उसे रोककर वाहन को सेक्टर-61 पुलिस चौकी में जब्त कर लिया और बिना ड्राइविंग लाइसेंस और अंडर एज ड्राइविंग समेत अन्य नियमों के उल्लंघन का चालान कर दिया।
पीड़ित के वकील का कहना है कि उक्त वाहन को पुलिस ने गलत तरीके से जब्त किया है। पीड़ित के पास स्कूटर की वैध आरसी और बीमा था लेकिन चालान अधिकारी ने इसे अनदेखा कर दिया। पीड़ित वाहन नहीं चला रहा था। वह पैदल ही वाहन को लेकर जा रहा था। इसके बाद भी पुलिस ने उसका बिना ड्राइविंग लाइसेंस का चालान कर दिया। चालान अधिकारी ने हद तो तब कर दी जब पीड़ित के वाहन को जब्त करने के साथ ही उसका अंडरेज ड्राइविंग का भी चालान कर दिया जबकि राजू की जन्मतिथि एक जनवरी 1990 है और इस समय उसकी उम्र 33 साल से भी अधिक है।
..लेकिन भरने होंगे तीन हजार रुपये
पुलिस ने जिस राजू का अंडरएज ड्राइविंग का चालान काटा है, उसके दो बच्चे हैं जो अपनी मां और दादा दादी के साथ गांव में रहते हैं। बालिग होने के बावजूद पुलिस की ओर से नाबालिग बता किए गए चालान के खिलाफ उन्होंने अदालत में याचिका दायर की थी। मामले में अदालत ने प्रस्तुत किए गए जन्म प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेजों को देखते हुए अंडर एज ड्राइविंग के चालान को रद्द कर दिया। हालांकि दूसरे नियमों के उल्लंघन पर तीन हजार का जुर्माना भरने के लिए कहा है।
जानें क्या है नियम
भारतीय मोटर वाहन अधिनियम के मुताबिक, अगर कोई कम उम्र (अंडर एज) का व्यक्ति देश में सड़कों पर गाड़ी चलाते पाया जाता है तो उसके माता-पिता या अभिभावक को 3 साल तक की जेल और 25000 का जुर्माना हो सकता है। इसके अलावा जो चालक वाहन चला रहा था, वह 25 वर्ष की आयु तक ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बनवा सकता है।