रायगढ़। रायगढ़ नगर निगम के गठन हुए लगभग चार कार्यकाल पूरे हो रहे हैं और इस दौरान रायगढ़ नगर निगम अपने प्रचार-प्रसार के साथ-साथ कार्यो के लिये बनाई गई वेबसाईट इन दिनों चर्चा में है कारण है इसका बीते 9 सालों से इसका अपडेट तक नही देखा जा रहा है। इस वेबसाईट में आज भी नगर निगम महापौर के रूप में मधुबाई का नाम साथ ही साथ सभापति के रूप में सलीम नियारिया के नाम दिखाया जा रहा है। इतना ही नही उस दौरान चुने गए निगम पार्षदों का नाम व मोबाईल नंबर भी जस का तस है जिसे आज तक बदला ही नही गया है। मजे की बात यह भी है कि इस दौरान नया चुनाव भी हो चुका है जिसमें नई महापौर के रूप में जानकी काटजू और सभापति के रूप में जयंत ठेठवार निर्वाचित हुए है। साथ ही साथ कई पार्षद भी नए निर्वाचित होकर निगम में आ चुके हैं बावजूद इसके निगम की लापरवाही से पुरानी वेबसाईट बदलना तो दूर उस पर झांका तक नही जा रहा है।
रायगढ़ नगर निगम की महापौर बीते चार साल से श्रीमती जानकी काटजू है और उनके साथ सभापति के रूप में तेज तर्रार कांगे्रस नेता जयंत ठेठवार निर्वाचित हुए है इसके अलावा निगम के 48 वार्डो में भाजपा व कांगे्रस के कुछ नए व कुछ पुराने पार्षद कार्य कर रहे हैं। वेबसाईट में इनका नाम दर्ज होना चाहिए लेकिन निगम की लापरवाही देखिये बीते 9 सालों से जब महापौर मधुबाई के समय से बनाई गई वेबसाईट में आज भी मधुबाई का नाम व सभापति के रूप में सलीम नियारिया का नाम के साथ-साथ कई पुराने पार्षदों का नाम दर्ज है जिनमें से कई चुनाव हार चुके है और कई स्वर्गवासी हो चुके हैं। अपने विकास कार्यो की लगातार दुहाई देने वाली निगम की इस लापरवाही के सामने आने से यह बात साफ हो जाती है कि निगम में बैठे अधिकारी केवल कागजों में ही सक्रिय हैं जबकि सोशल मीडिया के इस जमाने में उनकी वेबसाईट तक अपडेट नही है।
शहर की जनता को इस बात की जब भनक लगी तो उन्होंने कहा कि निगम में चल रही राजनीति का नतीजा यह है कि पद पर बैठे महापौर और सभापति सहित मेयर इन कौंसिल के पदाधिकारी और चुने हुए पार्षदों को इसकी जानकारी लेनी चाहिए पर लगता है इन्हें भी कोई लेना देना नही है। पुरानी वेबसाईट इस बात का भी उदाहरण है कि इस वेबसाईट में निगम के महापौर व सभापति सहित पार्षदों के नाम व मोबाईल नंबर सीधे उपलब्ध कराये जाते हैं और वेबसाईट में निगम के कामकाज तथा टेण्डर और अन्य जानकारी भी प्रकाशित की जाती है। सालों से पुरानी वेबसाईट को सुधारा नही जाना इस का प्रमाण है कि निगम की राजनीति को ऐसा ग्रहण लगा है कि वे आज के बदलते दौर में इस महत्वपूर्ण कार्य की तरफ ध्यान ही नही दे रहे हैं।
क्या कहते हैं पूर्व सभापति सलीम नियारिया
हमने इस संबंध में निगम के महापौर जानकी काटजू व सभापति जयंत ठेठवार से भी चर्चा करनी चाही लेकिन वे उपलब्ध नही हो पाये तब हमने पूर्व सभापति व वर्तमान पार्षद सलीम नियारिया से बात की तो उन्होंने भी पुरानी वेबसाईट में बतौर सभापति उनका नाम और महापौर के रूप में मधुबाई का नाम होनें से आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि निगम के अधिकारियों की लापरवाही है और इसको तत्काल सुधार कर हमारी महापौर जानकी काटजू व सभापति जयंत ठेठवार सहित अन्य पार्षदों का नाम व मोबाईल नंबर डालना चाहिए और इसमें जिसकी भी लापरवाही हो उस पर कार्रवाई होनी चाहिए।