धान खरीदी को लेकर भूपेश के दावों को गोमती साय ने झुठलाया, सांसद का दावा धान खरीदी का 80 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार देती है

by Kakajee News

रायगढ़ :- किसान हितैषी होने का दावा करने वाली भूपेश सरकार की पोल खोलते हुए सांसद गोमती साय ने कहा प्रदेश के की जा रही धान खरीदी का अस्सी प्रतिशत भुगतान केंद्र की मोदी सरकार करती है। हाल में ही धान के समर्थन मूल्य में की गई वृद्धि को किसान हितो का बड़ा कदम निरूपित करते हुए गोमती साय ने प्रदेश के किसानो के समक्ष एक आकडा रखा कि मोदी सरकार ने 2014 में सत्ता संभाली और सबसे पहले देश भर के किसानो के उपज का समर्थन मूल्य बढ़ाया।इस क्रम में मनमोहन सरकार के दौरान प्रति क्विंटल धान का समर्थन मूल्य 1360 रुपए से बढ़ाकर वर्तमान में 2183 कर दिया।

मोदी सरकार के इस कदम को किसानो के हित का बड़ा कदम निरूपित करते हुए सांसद गोमती साय ने कहा भूपेश सरकार मोदी सरकार के दम पर धान खरीदी कर रहीं है इसका झूठा श्रेय ले रही है। केन्द्र की मोदी सरकार ने छत्तीसगढ़ प्रदेश के किसानों का एक दाना दाना चावल खरीदा है। केन्द्र की मोदी सरकार ने चावल खरीदी मद के लिए पूर्ववर्ती सरकारों से 51 करोड़ से अधिक रूपए दिए है ।धान का समर्थन मूल्य 143 रूपये प्रति क्विटंल बढ़ाए जाने पर प्रदेश के किसानो की ओर से मोदी सरकार का आभार व्यक्त करते हुए गोमती साय ने कहा कांग्रेस सरकार की तुलना में मोदी सरकार के दौरान किसानो की आय दोगुनी हो गई।

केन्द्र सरकार ने छत्तीसगढ़ प्रदेश से 61 हजार टन चावल खरीदी कर अन्न दाताओं को लाभ पहुंचाने की दिशा में काम किया। वही चार लाख मीट्रिक टन यूरिया खाद की निरंतर आपूर्ति कर पैदावार बढ़ाने में भी सहयोग किया है। प्रदेश के किसानो को सांसद गोमती साय ने यह विश्वास दिलाया कि अगले चुनाव में भूपेश सरकार की विदाई के साथ ही किसानो की समृद्धि के द्वार खुलेंगे।

केंद्र की ओर से समर्थन मूल्य बढ़ाए जाने की जानकारी देते हुए सांसद गोमती साय ने कहा ख़रीफ़ फ़सलो के समर्थन मूल्य में ऐतिहासिक वृद्धि से किसान लाभान्वित हुए है। मोदी सरकार द्वारा की गई मूल्य वृद्धि का ब्यौरा देते हुए कहा कि वर्ष 2014-15 में धान का समर्थन मूल्य 1360 रूपये से बढ़ाकर 2023-24 में 2183 रुपए प्रति क्विंटल किया गया। ज्वार का मूल्य 2014-15 में 1550 रुपए से बढ़ाकर वर्ष 2023-24 में 3225 रुपए किया गया। तिल का मूल्य 2014-15 में 4600 रुपए से बढ़ाकर 2023-24 में 8635 रुपए किया गया । सोयाबीन का मूल्य 2014-15 में 2560 रुपए से बढ़ाकर 2023-24 में 4600 रुपए किया गया। मक्का का मूल्य 2014-15 में 1310 रुपए से बढ़ाकर 2023-24 में 2090 रुपए किया गया। अरहर का मूल्य 2014-15 में 4350 रुपए से बढ़ाकर 2023-24 में 7000 रुपए किया गया। कपास का मूल्य 2014-15 में 3750 रुपए से बढ़ाकर 2023-24 में 6620 रुपए किया गया। रागी का मूल्य 2014-15 में 1550 रुपए से बढ़ाकर 2023-24 में 3846 रुपए कर दिया गया। बाजरा का मूल्य 2014-15 में 1250 रुपए से बढ़ाकर 2023-24 में 2500 रुपए किया गया। मूँगफली का मूल्य 2014-15 में 4000 रुपए से बढ़ाकर 2023-24 में 6377 रुपए किया गया

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