छत्तीसगढ़ में इन दिनों बढ़ती महंगाई का सबसे ज्यादा असर आम नागरिकों की घर के साथ-साथ होटलों में भी हुआ है। चूंकि लाल टमाटर पहले सौ रूपये किलो और अब दो सौ रूपये किलो में बिकने लगा है। जनता की कमर पहले ही बढ़ती महंगाई के चलते टूटी हुई थी और अब घर की हर सब्जी से लेकर चटनी में उपयोग किये जाने वाले टमाटर भी उनकी पहुंच से दूर हो गए हैं। कारण है कि घर का बजट टमाटर की बढ़ती महंगाई से बुरी तरह बिगड़ गया है। इतना ही नही कम बारिश व तेज गर्मी के साथ-साथ बैंगलोर एवं अन्य जगहों से आने वाले टमाटर अब बाजार में कम आ रहा है। चूंकि छत्तीसगढ़ के अलावा अन्य जगहों में भी लाल टमाटर अब महंगाई के चलते और लाल हो गया है। बाजार में तेजी से अब टमाटर साॅस व टमाटर प्यूरी का उपयोग तेजी से हो रहा है।
लोगों ने निकाल लिये इसका नया जुगाड़
बाजार में कभी 20 से 30 रूपये किलो में मिलने वाला टमाटर अब दो सौ रूपये किलो तक पहुंच जाने से होटल व्यवसायियों एवं घरेलू महिलाओं ने नया तरीका ढंूढ लिया है। जिसमें बाजार से महंगा टमाटर खरीदने की बजाए सीधे-सीधे टमाटर कैचअप, टमाटर प्यूरी खरीदकर अपना स्वाद बराकरार रख रहे हैं इतना ही नही चटनी से लेकर सब्जी में नये टेस्ट का तड़का लगाते हुए होटल व्यवसायी ग्राहकों को टमाटर के स्वाद से जोड़े रखना चाहते हैं। जिसके चलते बाजार में अचानक टमाटर कैचअप की न केवल बिक्री बढ़ गई है बल्कि बाजार में दो सौ रूपये किलो टमाटर की बजाए 100 से 160 रूपये में टमाटर कैचअप खरीदकर वे लाल टमाटर की बढ़ती महंगाई का नया जुगाड़ लगा चुके हैं।
क्या कहते हैं होटल व्यवसायी व बड़े दुकानदार
इस पूरे मामले में हमने रायगढ़ के होटल संचालक शंकरलाल चावला के साथ-साथ थ्री स्टार होटल के संचालक सरनजीत सलूजा से जब बात की तो उन्होंने बताया कि सलाद में उपयोग किये जाने वाला टमाटर बहुत कम खरीदा जा रहा है। चूंकि उनके मेन्यु में अगर टमाटर सलाद के साथ दिया जाता है तो सप्लाई का बजट न केवल बिगड़ जाएगा बल्कि सलाद के जरिये टमाटर की बड़ी खपत को रोकने में भी दिक्कत होगी। वहीं होटल संचालक शंकरलाल का कहना है कि समोसा, बड़ा के अलावा अन्य व्यंजन के साथ दिये जाने वाले चटनी जो की टमाटर की बनी होती थी, उसका उपयोग अब नही किया जा रहा है चूंकि बाजार में बढ़ते दामों के कारण अब उसकी चटनी ग्राहकों को दिये जाने से उनके होटल का पूरा बजट बिगड़ जा रहा है। वे बताते हैं कि बाजार से टमाटर कैचअप,टमाटर प्यूरी इसका बड़ा हल निकल गया है और वे बकायदा इसकी चटनी ग्राहकों को देकर अपना व्यवसाय सुचारू रूप से चला रहे हैं।
घरों में भी लगने लगा है टमाटर का नये तरीके से तड़का
घरेलू महिलाओं से जब हमने बात की तो उनका कहना था की कभी घर की सब्जी में उपयोग किये जाने वाला टमाटर किलो में खरीदे जाते थे और अब एक पाव या ग्राम में खरीदने से भी डर लगता है, चंूकि घर का बजट बढ़ती महंगाई के चलते पहले से बिगड़ा हुआ है और अब दो सौ रूपये किलो टमाटर खरीदने से पूरी राशि इसी सब्जी में लग जाने का डर सतता है और इसलिये बाजार से टमाटर कैचअप, टमाटर प्यूरी खरीदकर न केवल सब्जी में तड़का लगाते हैं बल्कि चटनी का स्वाद लेने के लिये इसका उपयोग कर रहे हैं वे बताती हैं कि जहां टमाटर के भाव बढ़े हैं वहां टमाटर कैचअप, टमाटर प्यूरी के भाव जस के तस हैं और इसका फायदा वे उठाने से नही चूक रही हैं।
टमाटर कैचअप की मांग बढ़ने से दुकानदार भी हैं खुश
किसान व डाबर के अलावा गोल्डन क्राउन जैसी कंपनियों के टमाटर साॅस की बिक्री तेजी से बढ़ी है। स्थानीय माॅल के संचालक ओमप्रकाश मोदी का कहना है की बीते एक माह के भीतर पहले कभी टमाटर कैचअप, टमाटर प्यूरी की बिक्री सामान्य रहती थी लेकिन हाल ही में इसकी बिक्री तेजी से बढ़ी है और ग्राहक हर कंपनी के टमाटर साॅस खरीद रहे हैं और इनकी कीमत सौ से डेढ सौ रूपये प्रति किलो है। स्वाद तथा अन्य प्रयोग के लिये इसकी बिक्री पहले कभी ऐसे नही बढ़ी थी और अब इसकी तेजी बताती है कि जनता में टमाटर की बढती महंगाई का हल टमाटर कैचअप से निकल रहा है।
थोक व चिल्हर में है मात्र 10 से 20 रूपये का अंतर
रायगढ़ शहर में अगर चिल्हर में बिकने वाले टमाटर की अगर बात करें तो स्थानीय बाजार में दो सौ रूपये किलो के अलावा 180 रूपये किलो में ग्राहकों को टमाटर बेचा जा रहा है। चिल्हर विके्रता नागेन्द्र सिंह का कहना है कि बरसात में पहले से कम टमाटर की आवक है इसलिये इसका दाम लगातार बढ़ रहा है। वहीं सब्जी विके्रता संघ के अध्यक्ष कुलदीप नरसिंग का कहना है कि पटेलपाली स्थित थोक सब्जी मंडी में 150 से 170 रूपये किलो के दाम से टमाटर की आवक है और उसे चिल्हर बेचने वाले सब्जी विके्रताओं को 175 रूपये प्रति किलो के हिसाब से दिया जा रहा है। उन्होंने भी इस बात को माना की वर्तमान में टमाटर की आवक लगातार कम है। साथ ही साथ इसकी सप्लाई भी अन्य प्रदेशों से न के बरोबर होनें से इसका भाव बढ रहा है। सब्जी विके्रता संघ का भी मानना है कि टमाटर के बढ़ते भाव ने थोक व्यापारियों की भी कमाई पर गहरा असर डाला है। रायगढ़ के सबसे बड़े सब्जी मार्केट संजय काम्पलेक्स तथा सप्ताह में लगने वाले इतवारी बाजार में भी चिल्हर सब्जी विके्रताओं को बहुत कम मात्रा मंे टमाटर उपलब्ध हो रहा है और आने वाले समय में इसका दाम और बढ़ सकता है।
बहरहाल बारिश के कारण लगता नही की टमाटर की फसल में बढ़ोतरी होगी और इसकी सप्लाई भी पहले की अपेक्षा कम होनें से महंगाई के सभी रिकार्ड तोड़ रहे हैं। टमाटर का दाम कैसे कम होगा।