घरघोड़ा पुलिस व साइबर सेल के ज्वाइंट एक्शन में पकड़ाए साजिशकर्ता भाभी सहित कुल 4 आरोपी
रायगढ़। घरघोड़ा के वार्ड क्रमांक 3, उरांवपारा में गत 21 अगस्त की सुबह रमा उरांव पिता स्वर्गीय मयाराम उरांव (उम्र 30 वर्ष) पर अज्ञात व्यक्तियों द्वारा सोते समय हमला करने के मामले में रायगढ़ पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। घरघोड़ा पुलिस और रायगढ़ साइबर सेल की संयुक्त टीम ने 72 घंटे के भीतर न सिर्फ मामले का खुलासा किया है अपितु हमलावर युवकों सहित प्लानिंग करने वाले और घटना को अंजाम देने के लिए हमलावरों को पैसे देने वालों को भी गिरफ्तार किया है।
बीते 21 अगस्त को उरांवपारा निवासी युवती रमा उरांव पर सोते समय अज्ञात युवकों द्वारा सुबह उस वक्त हमला किया गया था जब उसकी मां बाथरूम की ओर गई थी। युवती के बताए अनुसार हमले के लिए घुसे युवकों ने सबसे पहले युवती का मुंह दबा दिया और धारदार हथियार से उस पर हमला किया पर मुंह पर हाथ पड़ते ही युवती जाग गई और उसने दांतों से युवक की उंगलियों को काटा जिससे हमलावर सफल न हो सके और भाग निकले। घटना में घायल युवती के दांत टूट गए और गले में चोट आई थी। युवती ने घटना का वृतांत अपनी मां और परिजनों को बताया और थाने में शिकायत दर्ज करवाई जिस पर घर घुसकर हत्या कर हत्या का प्रयास, आर्म्स एक्ट सहित सुसंगत धाराओं पर अपराध दर्ज किया गया। घटना की जानकारी मिलते ही वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित करते हुए तत्काल थाना घरघोड़ा प्रभारी निरीक्षक शरद चंद्रा अपनी टीम के साथ घटनास्थल पहुंचकर जांच शुरू किए। पीड़िता के बताए तथ्यों के आधार पर साइबर सेल को बुलाकर टेक्निकल डाटा इकट्ठा किया गया तथा सीसीटीवी भी खंगाले गए।
इसी क्रम में पीड़िता की भाभी की संदेहास्पद भूमिका परिलक्षित होने पर जब कड़ाई से पूछताछ की गई तो सारा मामला खुला जिस पर रमा की भाभी धनकुंवर तिग्गा ने अपने खुलासे में बताया कि उसका पति रामलाल एसईसीएल कर्मचारी है जिसकी तीन बहने हैं उनमें से बाकी दो की शादी हो चुकी है और रमा बस अविवाहित बची है, शादी होकर आने के कुछ साल बाद से ही इसकी सास रंगवती और इसकी ननद रमा अक्सर खेत मकान और जमीन के बंटवारे को लेकर झगड़ा विवाद करते रहते हैं और इसके घर के ठीक सामने रहते हैं चूंकि रमा की शादी भी नहीं हो रही थी इसलिए एक दिन तंग आकर जब उसने अपनी छोटी बहन दिशा भगत से इस बारे में चर्चा की तो दोनों ने मिलकर रमा को रास्ते से हटाने का प्लान बनाया और दिशा भगत जो बेंगलुरु में रहकर नर्स का काम करती है उसके परिचित रायगढ़ निवासी राजू गुप्ता से संपर्क करवाया जो 3 अगस्त को धनकुंवर तिग्गा से मोबाइल के जरिए संपर्क करके घरघोड़ा मिलने पहुंचा जहां रेकी करवाने और बातचीत के बाद रमा को जान से मारने का सौदा एक लाख में इन लोगों ने तय किया जिनके करीब एक हफ्ते बाद राजू गुप्ता दोबारा जाकर 50,000 नगदी एडवांस लेकर गया बाकी रकम काम होने के बाद देने का तय किया गया। घटना दिनांक की पूर्व रात्रि 20 अगस्त को राजू गुप्ता अपने दो अन्य साथी विकास चक्रवर्ती उम्र 23 वर्ष निवासी ग्राम हमीरपुर थाना तमनार और मनिकेतन सिदार उम्र 25 वर्ष ग्राम गैरबहरी थाना तमनार के साथ मोटरसाइकिल से घरघोड़ा आकर पीड़िता की भाभी धनकुंवर तिग्गा के पास रुका और मौका देखकर सामने रह रही राम के कमरे में घुसकर उस पर हमला किया गया हमले के दौरान रमा के पलटवार से हड़बड़ा कर हमलावर भाग निकले इसके बाद हड़बड़ा कर धनकुंवर ने भी अपने मोबाइल का सिम निकाल कर तोड़ दिया और उसके बाद हमलावरों को अंडरग्राउंड होने और संपर्क नहीं करने को कहा। आरोपीया धन कुंवर के बयान के आधार पर हमले के लिए रकम लेने वाले और हमले में शामिल राजू गुप्ता विकास चक्रवर्ती और मिनकेतन सिदार को साइबर सेल के साथ मिलकर अलग-अलग ठिकानों से हिरासत में लेकर घटना में प्रयुक्त हथियार और वाहन भी बरामद कर लिए गए हैं।
एसएसपी सदानंद कुमार के दिशा-निर्देशन एवं एडिशनल एसपी संजय महादेवा व सुपरविजन अधिकारी एसडीओपी धरमजयगढ़ध् सायबर सेल पर्यवेक्षण अधिकारी दीपक मिश्रा के कुशल मार्गदर्शन पर पूरे मामले के खुलासे और आरोपियों की धर पकड़ में थाना प्रभारी घरघोड़ा निरीक्षक शरद चंद्रा के नेतृत्व में एएसआई राजेश मिश्रा, एएसआई रामसजीवन वर्मा, एएसआई विलफ्रेड मसीह, आरक्षक प्रहलाद भगत, सुमीत उराँव, भानुप्रताप चंद्रा सायबर सेल के प्रधान आरक्षक राजेश पटेल, दुर्गेश सिंह, आरक्षक महेश पंडा, प्रशांत पंडा, विक्रम सिंह और नवीन शुक्ला की अहम भूमिका रही है।
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