लोगों को सस्ता प्याज देने के लिए सरकार उठा रही ये कदम; बढ़ते दाम चुनाव में बन सकते हैं मुसीबत

by Kakajee News

अगले कुछ महीनों में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव होने वाला है। ऐसे में सरकार किसी भी हाल में यह नहीं चाहेगी की विपक्ष प्याज की बढ़ती हुई कीमत को मुद्दा बनाए। इसलिए सरकार हर हाल में कीमत कंट्रोल करने में लगी हुई है।
टमाटर के बाद अब प्याज के दाम घरों का बजट बिगाड़ने लगा है। प्याज की कीमतों में लगातार तेजी आने लगी है। हालांकि दाम को कंट्रोल करने के लिए सरकार ने अपने स्तर पर तेजी से तैयारी शुरू कर दी है। भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) ने पिछले चार दिनों में किसानों से सीधे 2,826 टन प्याज खरीदा है। यह खरीद 2,410 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हुई। सरकार ने इस साल प्याज के बफर स्टॉक का लक्ष्य तीन लाख टन से बढ़ाकर पांच लाख टन कर दिया है।
बाजार में प्याज के दामों को कंट्रोल करने के लिए सरकार ने निर्यात पर अंकुश लगाया है। किसान घबराहट और जल्दबाजी में ब्रिकी नहीं करे इसलिए सरकार ने दो सहकारी समितियों- एनसीसीएफ और एनएएफईडी को किसानों से सीधे एक लाख टन प्याज खरीदने का आदेश दिया गया है। दोनों सहकारी समितियां सरकार के बफर स्टॉक को थोक और खुदरा बाजार में बेच रही हैं। प्याज के दाम इस समय दिल्ली और अन्य शहरों में गुणवत्ता के आधार पर 60 रुपये प्रति किलोग्राम तक चल रहे है।

एनसीसीएफ के प्रबंध निदेशक एनीस जोसेफ चंद्रा का कहना है कि, सहकारी समिति ने 22 अगस्त को महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में किसानों से सीधे खरीद शुरू की। महाराष्ट्र में लगभग 12-13 खरीद केंद्र खोले गए हैं और मांग के आधार पर इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी। पिछले चार दिनों में हमने लगभग 2,826 टन प्याज खरीदा। ज्यादातर खरीद महाराष्ट्र से हुई है। कुल एक लाख टन खरीदने का लक्ष्य है। एनसीसीएफ किसानों से सीधे 2410 रुपये प्रति क्विंटल पर प्याज खरीद रहा है, जो मौजूदा थोक दर 1900-2000 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक है।

चुनाव में मुद्दा नहीं बने इसलिए सरकार उठा रही ये कदम
बाजार के जानकारों का कहना है कि, अगले कुछ महीनों में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव होने वाला है। ऐसे में सरकार किसी भी हाल में यह नहीं चाहेगी की विपक्ष प्याज की बढ़ती हुई कीमत को मुद्दा बनाए। इसलिए सरकार हर हाल में कीमत कंट्रोल करने में लगी हुई है। इसी मद्देनजर सरकार ने प्याज के लिए बफर स्टॉक का लक्ष्य तीन लाख टन से बढ़ाकर पांच लाख टन कर दिया है।

घरेलू बाजार में प्याज की कीमतों को नियंत्रित रखने और आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए निर्यात पर पूर्ण पाबंदियां लगा दी है। निर्यात रोके जाने से किसानों की मेहनत बर्बाद ना हो, इसके लिए सरकार बड़े पैमाने पर प्याज खरीद रही हैं। एनसीसीएफ को किसानों से एक लाख टन प्याज खरीदने के लिए कहा गया है। जिस तरह का प्रयास अभी सरकार कर रही है उससे लोग आश्वस्त हो सकते हैं कि आने वाले दिनों में प्याज की कीमत में कमी आएगी।

भारत ने लगाया निर्यात शुल्क
प्याज की कीमतों को बढ़ने से रोकने के लिए सरकार ने इसी हफ्ते इसके निर्यात पर 40 फीसदी का शुल्क लगा दिया था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, नया शुल्क 31 दिसंबर तक प्रभावी रहेगा। इससे दुनियाभर में प्याज की कीमतों में तेजी की आशंका बढ़ गई है। गौरतलब है कि भारत में प्याज की कीमतें वार्षिक आधार पर 20 फीसदी तक बढ़ गई हैं। कीमतों को लेकर टमाटर जैसी स्थिति न पैदा हो इसलिए सरकार एहतियाती कदम उठा रही है। इसी बीच जुलाई में भारत की खुदरा महंगाई दर एक बार फिर आरबीआई के संतोषजनक दायरे 6 फीसदी से बाहर निकलकर 7.44 फीसदी पर पहुंच गई है।

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