केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन तेज हो गया है। दिल्ली-एनसीआर में चल रहे इस प्रदर्शन को 2 महीने पूरे होने जा रहे हैं। आज आंदोलन का 58वां दिन है। कानूनों को लेकर गतिरोध के बीच किसान गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी को ट्रै्क्टर रैली निकालने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए किसानों ने दिल्ली पुलिस से लिखित में परमिशन मांगी है। इस अनुमति पत्र में पुलिस और किसानों की आम सहमति से जो रूट तय हुए हैं, उनका भी जिक्र है। हालांकि पुलिस ने अभी परमीशन नहीं दी है लेकिन लेटर के जवाब में पुलिस ने किसानों के आगे कुछ शर्तें रखी हैं, जिन पर किसानों को अपना जवाब देना है। इधर, ट्रैक्टर रैली पर शाम 4.30 बजे दिल्ली पुलिस की प्रेस कॉन्फ्रेंस है। इस दौरान विशेष पुलिस कमिश्नर किसानों की ट्रैक्टर रैली के बारे में पुलिस मुख्यालय में जानकारी देंगे।
किसान नेता सतनाम सिंह पन्नू एक निजी चैनल से बातचीत में कहा कि किसान शांतिपूर्वक रैली करना चाहते हैं, और अपनी मांगों से सरकार को अवगत कराना चाहते हैं। ट्रैक्टर रैली पूरी तरह से शांतिपूर्वक और अनुशासित तरीके से की जाएगी। हम लोग धीरे धीरे जाएंगे और रैली के साथ एक एंबुलेंस भी होगी। गौरतलब है कि पुलिस और किसानों की आम सहमति से अब तक तीन रूट तय हुए हैं। इसमें- पहला सिंघू बार्डर से ट्रैक्टर परेड चलेगी, जो संजय गांधी ट्रांसपोर्ट, कंझावला, बवाना, औचन्दी बॉर्डर होते हुए हरियाणा में चली जाएगी। दूसरा गाजीपुर युपी गेट से ट्रैक्टर परेड अप्सरा बार्डर गाजियाबाद होते हुए दुहाई युपी में चली जाएगी। तीसरा टिकरी बार्डर से ट्रैक्टर परेड नागलोई, नजफगढ, ढांसा, बादली होते हुए केएमपी पर चली जाएगी।
बता दें कि पिछले 26 नवंबर से किसान तीन कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी की गारंटी की मांग को लेकर दिल्ली एनसीआर के बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं। काफी जद्दोजहद के बाद सरकार इन कानूनों को 18 महीनों तक के लिए रोकने पर सहमत हो गई है, लेकिन किसान कानून को रद्द करने के अलावा और कुछ भी नहीं चाहते हैं।