Raigarh News: खतरें में थी जान…! परिवार का पेट भरने दाव पर लगाई जिंदगी, फिर भी अब तक नही मिल सका भुगतान……पढ़िये पूरी खबर

by Kakajee News

रायगढ़। जंगली हाथियों से प्रभावित बंगुरसिया-हमीरपुर के जंगलों में अपनी जान की परवाह किये बगैर अपना और अपने परिवार का पेट भरने तेंदुपत्ता तोड़ने वाले गरीब श्रमिकों को 100 दिन बीत जाने के बावजूद भुगतान नही हो सका है। आलम यह है कि अपनी मेहनत का भुगतान पाने गरीब श्रमिक अब दर-दर की ठोंकरे खाने पर मजबूर हो गए हैं।

इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार प्राथमिक वनोपज सहकारी समिति की ऐतिहासिक महत्व पता फड़ी हमीरपुर 100 दिन बाद भी भुगतान नहीं हो पाने से गरीब किसानों के कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। तमनार क्षेत्र के गरीब श्रमिक जो अपनी जान जोखिम में डालकर कर जंगली हाथियो के जंगल में मौजूदगी के बावजूद जंगल से तेंदूपत्ता तोड़ कर अपने परिवार के लिये दो वक्त की रोटी और शरीर ढकने के लिये कपड़े की खातिर अपनी जान दाव पर लगाकर कड़ी मेहनत करता है।

गांव के गरीब मजदूरों ने बताया कि 7 मई माह में फड़ में बिक्री करने के बाद आज तक उनके खाता में राशी मिलने से वे बहुत दुखी हैं। फड़ मुंशी लोचन प्रधान से पूछने पर शाखा प्रबंधक अशोक कुमार गुप्ता से अपनी बात रखने की बात कहकर टाल दिया जाता है। ऐसे में अब इस क्षेत्र के गरीब श्रमिक जिला प्रशासन वन विभाग से यह जानकारी चाहते हैं कि ठेकेदार से कितना समय बाद समिति को हैंड ओवर पत्ता को करते हैं।

जानकारी मिली है कि पुराने सत्र की बोनस राशी मजदूरों को मिलने वाला है। कार्ड बनाते समय सभी दस्तावेज फड़ मुंशी सही ढंग से पुरा कर रहे हैं फिर खाता को आधार से आनलाइन जोड़ा गया है तो मजदूरी भुगतान में इतनी देर क्यों। समिति प्रबंधक के द्वारा अपना कार्य सही ढंग से संचालन नही करने के कारण हमीरपुर के 150 गरीब श्रमिक इससे प्रभावित हो रहे है और उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जल्द ही अगर उन्हें उनके किये गए कार्य का भुगतान नही होता है तो उनके सामने और भी अधिक विकराल स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

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