निजी अस्पताल में शनिवार को प्रसव के तुरंत बाद प्रसूता की मौत से गुस्साए परिजनों ने बस्ती के लोगों के साथ हंगामा किया। सीओ के साथ पहुंची तीन थानों की पुलिस ने भीड़ को तोड़फोड़ करने से रोका। करीब तीन घंटे हंगामे के बाद परिवार और अस्पताल प्रबंधन की बंद कमरे में वार्ता हुई, तब मामला शांत हुआ।
लाखन सिंह की पत्नी बाल कुमारी ने बताया कि उनकी बेटी आरती (25) की शादी नवंबर 2020 में जाटवपुरा निवासी रामेश्वर राजपूत से हुई थी। प्रसव पीड़ा होने पर उसे शनिवार दोपहर अस्पताल में भर्ती कराया था। महिला डॉक्टर ने चेकअप के बाद तीन बजे अल्ट्रासाउंड कराया। घंटेभर बाद ऑपरेशन जरूरी बताया गया।
शाम करीब छह बजे आरती ने ऑपरेशन से बच्चे को जन्म दिया। थोड़ी देर बाद ही आरती की मौत हो गई। आरोप है कि डॉक्टर व स्टाफ की लापरवाही से जान गई है। रामेश्वर रेडिमेड गारमेंट की दुकान पर काम करते हैं। परिजनों को नवजात के भविष्य की चिंता सता रही है।
बस्ती के लोगों ने घेरा अस्पताल
हंगामा कर रहे परिजनों के साथ जाटवपुरा बस्ती के लोग भी अस्पताल पहुंचकर नारेबाजी करने लगे। मठ चौकी पुलिस से स्थिति न संभलने पर इंस्पेक्टर कोतवाली धर्मेंद्र सिंह पुलिस लेकर पहुंचे। फिर भी लोग शांत नहीं हुए तो सीओ श्वेता यादव, कैंट व प्रेमनगर थाने के प्रभारी और पुलिस पहुंच गई।
सीओ प्रथम श्वेता यादव ने बताया कि हमने परिवार से कहा है कि शव का पोस्टमार्टम कराएं। इसमें डॉक्टरों की लापरवाही की स्थिति मिली तो तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। काफी कहने पर भी वह तहरीर नहीं दे रहे हैं। इनमें से कुछ लोगों ने प्रबंधन से बात की है।
नर्सिंग होम संचालक डॉ. नवल किशोर गुप्ता ने बताया कि कोई डॉक्टर कभी मरीज के बारे में गलत नहीं सोचता न ही उसके साथ कुछ गलत करता है। डॉक्टर की गलती नहीं है, आरती की मौत की वजह पोस्टमार्टम से साफ हो जाएगी। पुलिस जांच करे, हम पूरा सहयोग देंगे।