रायगढ़. पिछले 6-7 वर्षों से लगातार बरसात के समय डेंगू जैसी विकराल बीमारी से जूझ रहा है और इस बीमारी में बहुत से हमारे अपने शहरवासियों को असमय हमसे दूर कर दिया। किसी के घर का भी जवान व्यक्ति यदि असमय चला जाता है तो उसकी पीड़ा क्या होती है यह उसके परिवारजन और उनसे जुड़े अपने लोग ही समझ सकते है जिसकी पीड़ा हर वर्ष नजर आती है। हम इसे विडंबना कहें या जागरूकता की कमी या इच्छा शक्ति की कमी कहे की इस बीमारी के लिए जो तत्काल आवश्यकता पड़ती है प्लेटलेट्स की जिसके लिए हमें पहले प्राइवेट ब्लड बैंको पर या जिले से बाहर निर्भर होना पड़ता है। इसके लिए लगभग 5 वर्ष पहले मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में बाकायदा ब्लड सेपरेटर मशीन मंगवाई गई तो शहर वासियों को ऐसा लगा कि इसका लाभ अब हमें मिलेगा और प्लेटलेट्स के लिए हमको इधर-उधर भटकने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और निम्न से मध्य वर्गी व्यक्ति को किसी भी प्राइवेट संस्था पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं होगी परंतु ब्लड सेपरेटर मशीन कागजी खाना पूर्ति के अभाव में आज भी वैसे की वैसे रखी है और इसके लिए सक्षम अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि कितने गंभीर हैं वह तो आज तक इसका चालू ना हो पाना बताता है।
प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से रायगढ़ के जागरुक व्यक्ति संजय बेरीवाल पल्लू ने माननीय मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, रायगढ़ के प्रभारी मंत्री, विधायक जैसे सक्षम जनप्रतिनिधियो एवं माननीय जिला कलेक्टर महोदय से सादर आग्रह किया है कि इस विषय पर विलंब ना करते हुए ब्लड सेपरेटर मशीन के लिए जो भी कागजी कार्रवाई करनी हो उसे अविलंब करवाया जाए और इसे भी अभियान का एक अति महत्वपूर्ण अंग मानकर युद्ध स्तर पर इस कार्य को किया जाए जिससे कि इसका लाभ शहर वासियों एवं पीड़ित मरीजों को तत्काल मिल सके और आज जो शहर में चारों ओर डेंगू से हाहाकार मचा हुआ है निम्न मध्यम वर्गी व्यक्ति प्लेटलेट्स के लिए निजी संस्थाओं में और इधर-उधर भटक रहा है उसे उससे राहत मिल सके।