डेंगू से बचाव-उपचार के लिए आ गई पहली खास दवा, अब तक दी जाती रही है लक्षणों को कम करने वाली चिकित्सा

by Kakajee News

Desk News:- कई राज्यों में इन दिनों डेंगू संक्रमण के मामले काफी तेजी से बढ़ते हुए रिपोर्ट किए जा रहे हैं। बिहार-उत्तर प्रदेश से प्राप्त हो रही जानकारियों के मुताबिक यहां के अस्पतालों में पिछले दिनों संक्रमित रोगियों की संख्या बढ़ी है, हालांकि अच्छी बात ये है कि ज्यादातर रोगी आसानी से ठीक होकर घर लौट रहे हैं। डेंगू के लिए अब तक कोई खास इलाज या टीके नहीं हैं, इसलिए रोगियों के लक्षणों को कम करने के लिए उन्हें सहायक उपचार दिया जाता रहा है। हालांकि अब वैज्ञानिकों ने डेंगू के इलाज के लिए एक विशिष्ट दवा विकसित कर ली है।

 

जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी ने डेंगू बुखार के लिए एक खास दवा बनाई है, शुक्रवार को कंपनी द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार इंसानों में इसके बेहतर परिणाम भी देखे गए हैं। वैज्ञानिकों ने उम्मीद जताई है कि JNJ-1802 नाम की इस दवा से वैश्विक स्तर पर डेंगू के खतरों को कम करने और रोग की स्थिति में इस दवा से गंभीरता को कम करने में मदद मिल सकती है। अगर इस दवा को मंजूरी मिलती है तो ये डेंगू के उपचार के लिए पहली खास दवा होगी।

शिकागो में अमेरिकन सोसाइटी ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन एंड हाइजीन की वार्षिक बैठक में दवा का डेटा पेश करते हुए कंपनी के अधिकारियों नें कहा कि वर्तमान में डेंगू के लिए कोई विशिष्ट उपचार नहीं है, जिससे बीमारी का खतरा बढ़ रहा है। हर साल इस रोग के कारण लाखों लोगों की मौत हो जाती है। यह डेंगू के खिलाफ पहली एंटीवायरल ड्रग है, जिसके फिलहाल अच्छे परिणाम देखे गए हैं और हमें और बेहतर की उम्मीद है।

 

डेंगू की ये दवा कितनी असरकारक हो सकती है, इस बारे में जानने के लिए शोधकर्ताओं ने जानबूझकर कुछ प्रतिभागियों को रोगजनकों से संक्रमित किया। ऐसे 10 प्रतिभागियों को डेंगू के रोगजनकों से संक्रमित करने से पहले हाई डोज की ये गोली दी गई। 21 दिनों तक ये उपचार चलता रहा।

 

शोधकर्ताओं ने पाया कि 10 में से छह प्रतिभागियों के रोगजनकों के संपर्क में आने के बाद भी उनके ब्लड टेस्ट में डेंग की पुष्टि नहीं हुई न ही उनमें संक्रमण के लक्षण दिखे।

जेएंडजे कंपनी ने कहा कि दवा के पहले फेज के डेटा काफी आशाजनक हैं, इसी आधार पर हम इसके दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण की योजना बना रहे हैं। हमारा अगला कदम डेंगू के इलाज के तौर पर इसका परीक्षण करना होगा। दवा दो वायरल प्रोटीनों की क्रिया को अवरुद्ध करके काम करती है, जिससे वायरस शरीर में पहुंचने के बाद अपनी प्रतियां नहीं बना पाता है और इसके बढ़ने का खतरा कम हो जाता है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों की टीम ने कहा, दवा के प्रारंभिक परीक्षण ने डेंग के इलाज के लिए हमें नई आशा दी है, इसके अगले परीक्षणों की सफलता के आधार पर हम डेंगू वैक्सीन के लिए भी प्रयास करेंगे। अभी तक के उपचार में रोगियों में सहायक चिकित्सा दी जाती है। ये दवा न सिर्फ संक्रममण के खतरे को कम करने में मदद करती दिख रही है साथ ही डेंगू के दौरान प्लेटलेट्स कम होने और रोग को गंभीर रूप के जोखिमों से भी बचाने में इससे लाभ हो सकता है।

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