क्या ओपी चौधरी के खिलाफ भाजपा के लोग कर रहे हैं दुष्प्रचार, विधानसभ चुनाव की महत्वपूर्ण जानकारियां भी देने से किया जा रहा किनारा

by Kakajee News

रायगढ़। रायगढ़ विधानसभा सीट से चुनाव लड रहे पूर्व आईएएस अधिकारी ओपी चौधरी को लेकर जहां धीरे-धीरे माहौल बनते जा रहा है वहीं भाजपा के भीतर ही इस बात को लेकर डर बैठ गया हैं कि कहीं ओपी चौधरी जीत जाते हैं तो उनकी पहचान खतरे में पड़ जाएगी। यह हम नही कह रहे हैं बल्कि भाजपा के कुछ बड़े पदाधिकारियों की हरकत बता रही है कि चुनाव प्रचार में ओपी को कहीं फायदा न पहुंच जाये वो महत्वपूर्ण जानकारियां पत्रकारों से लेकर जानकारों तक देने में परहेज किया जा रहा है। कल ओपी चौधरी सहित जिले के धरमजयगढ़ खरसिया, लैलूंगा, प्रत्याशियों द्वारा नामांकन दाखिल किया जाना है और यह भी जानकारी मिली है कि नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान की उपस्थिति रहेगी इसलिये वे कल रायगढ़ आ रहे हैं पर यह जानकारी किसी भी पत्रकार को भाजपा की तरफ से नही दी गई है।

शुरूआत से की जा रही बड़ी लापरवाही
जिला भाजपा के भीतर चल रहे घमासान का एक और बड़ा उदाहरण यह भी है कि चुनाव प्रचार में निकलने के दौरान भाजपा प्रत्याशी ओपी चौधरी के पीछे भाजपा के वो बड़े नेता नदारद रहते हैं जिन्होंने टिकट के लिये लंबी जद्दोजहद की थी। उनके अरमानों पर पानी फिर जाने के बाद वे अब धीरे-धीरे इस बात की प्लानिंग कर रहे हैं कि ओपी चैधरी के खिलाफ अंदर ही अंदर लामबंदी करके उनको नुकसान कर सकें चूंकि अगर ओपी चौधरी रायगढ़ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीत जाते हैं तो उनकी राजनीति खतरे में है। जानकार सूत्र यह भी बताते हैं कि टिकट मांगने वालों में से अधिकांश वे लोग भी है जिन्होंने पार्टी के एक बड़े पदाधिकारी के कहसे से कुछ को विधानसभा टिकट का दावेदार बताते हुए अपना माहौल बना लिया था और अचानक ओपी चौधरी को टिकट दिये जाने के बाद उनकी राजनीति चमकते-चमकते रह गई। भाजपा की अनुदनी लड़ाई यह भी बताती है कि शहर के भीतर का भाजपा कार्यालय लोकसभा चुनाव की तैयारी के नाम पर लगभग अलग कर दिया गया है और वहीं ओपी चौधरी के द्वारा किराये पर लिये गए खुद के किराये में उन लोगों ने नजर जमा ली है जो ओपी चैधरी के खास होनें के साथ-साथ उन्हें जीताने के लिये आते हैं और ऐसे लोगों पर लगातार नजर रखते हुए भाजपा के भीतरीघाती अपनी रणनीति बनाने में लगे हुए हैं।

ओपी चौधरी भी लगातार बरत रहे हैं सावधानी
ऐसा नही है कि भाजपा के भीतर के लड़ाई की जानकारी ओपी चौधरी को नही है उन्होंने ने भी अपने स्तर पर रायगढ़ विधानसभा क्षेत्र से जीत के लिये रणनीति बना ली है जिसमें वे लगभग सफल भी हो रहे हैं और युवाओं के बीच उनकी पैंठ से कांगे्रस के साथ-साथ भाजपा नेताओं के भी पेठ में दर्द होनें लगा है। अपनी खुद की इमेज व नई रणनीति के तहत चुनावी मैदान में उतरे ओपी चौधरी के पीछे एक ऐसी टीम काम कर रही है जिसको लेकर भाजपा के वो चेहरे उतर गए हैं जो अपने आपको पार्टी का कर्ताधर्ता मानते थे इतना ही नही उनको इस बात का गुमान था कि उन्हें पार्टी के भीतर विधानसभा चुनाव में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती थी और उसका फायदा वे खुद के लिये उठाने के लिये भी तैयार थे और अचानक सब कुछ बदल जाने से उनके निराश व लटके चेहरे बताते हैं कि वे ओपी चौधरी के बढ़ते कद से भारी परेशान है।
बहरहाल देखना यह है कि केन्द्रीय नेताओं के संपर्क में रहने वाले ओपी चौधरी के पीठ पीछे उन्हें हराने की साजिश करने वाले भाजपा के उन नेताओं के चेहरे बेनकाब होते हैं या नही या चुनाव परिणाम के बाद उन पर कोई बड़ी गाज गिराने के लिये ओपी चैधरी ने तैयारी कर ली हो।

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