राठिया बने भाटिया के फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले मे जाँच शुरू, वर्षों से फर्जी जाति प्रमाण पत्र के जरिये नौकरी का है आरोप, आदमी एक जाति अनेक कहीं अजजा तो कहीं सामान्य बनकर फर्जीवाड़ा

by Kakajee News

रायगढ़ । पशु चिकित्सा विभाग के क्षेत्र सहायक सुरेंद्र सिँह भाटिया के विरुद्ध अंततः कलेक्टर आदिवासी विभाग ने जाँच शुरू कर दी है। शिकायतकर्ता गुरनाम सिँह को जारी पत्र मे जाँच कार्यवाही की सुचना प्रसारित करते हुए शिकायत के पक्ष मे दस्तावेजो के साथ उपस्थित होने का लेख किया गया है।

वैसे देखा जाए तो यह मामला अपने आप मे बेहद गंभीर नजर आता है जहाँ शासन को अँधेरे मे रख कर शासकीय नौकरी हथियाने और वर्षो से बिना किसी परेशानी के कार्य रहते रहना कई सवाल खडे करता है। उक्त मामले के खुलासे और बकायदा लिखित शिकायत के बाद भी जाँच कार्यवाही की सुस्त रफ्तार भी स्पष्ट इंगित करता है की सुरेंद्र सिँह ऊँची पहुंच वाला व्यक्ति है वरना फर्जी जाति बताकर नौकरी करना इतना भी सरल नहीं है जितनी सरलता और सुगमता से नौकरी करते हुए वर्षो से मलायी खायी जा रही है।

पहले खुद बना आदिवासी फिर बच्चे को बना दिया सामान्य
फर्जीवाड़े के इस कहानी मे भी कई अलग अलग पहलू सामने आये है सूत्रों एव शिकायत करता से मिली जानकारी अनुसार पहले तो सुरेंद्र भाटिया ने खुद को आदिवासी बता कर सरकारी नौकरी हथिया ली और इसके बाद भी फर्जीवाड़े का सिलसिला नहीं थमा और एक कदम आगे बढाते हुए सुरेंद्र सिँह ने अपने बच्चे और पत्नी को सामान्य वर्ग का बताकर जमीन की बिक्री कर लाखों का वारा न्यारा कर दिया। इससे ये साबित होता है की सुरेंद्र सिँह शासन को लगातार अँधेरे मे रख कर जाति बदल बदल कर चांदी काटने मे लगे है और उन्हें शासन प्रशासन का तनिक भी भय नहीं है।

आरोप हुए साबित तो वसूली के साथ जेल की सलाखें तय
सुरेंद्र सिँह के ऊपर लगे फर्जी जाति के जरिये किये गए चार सौ बीसी के आरोप यदि साबित हो जाते हैं तो शासकीय नौकरी के जरिये मिले नगद लाभ की वसूली के अलावा जेल जाना लगभग तय है। शासन को अँधेरे मे रख कर छल पूर्वक आदिवासी वर्ग का हक मारकर उनके आरक्षित पद पर कब्जा बड़ा मामला है अब शिकायतों की लम्बी फेरहिस्त के बाद जागी प्रशासन कितनी जल्दी इस मामले मे जाँच कार्यवाही कर ती है ये देखने वाली बात होंगी।

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