साल 2024 का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल को लगने जा रहा है। इस खगोलीय घटना पर दुनिया भर के खगोलविदों की नजर है। यह सूर्य ग्रहण कई वजहों से बेहद खास होने वाला है। 50 सालों बाद यह सबसे लंबा सूर्य ग्रहण होगा। यह ग्रहण करीब आठ मिनट होगा, क्योंकि इस दौरान चंद्रमा बेहद नजदीक होगा।
सूर्य ग्रहण के दौरान धरती के नजदीक मौजूद बृहस्पति और शुक्र ग्रहों को सीधा देखा जा सकेगा, लेकिन इस दौरान एक खगोलीय घटना होने जा रही है। ग्रहण के दौरान शैतान धूमकेतु भी नजर आने वाला है, जिसे लेकर वैज्ञानिकों में सबसे अधिक दिलचस्पी है। खगोलविदों ने कहा कि 8 अप्रैल को आग के गोले के रूप में चलने वाला यह शैतान धूमकेतु सीधी आंखों से देखा जा सकता है।
8 अप्रैल 2024 को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। यह ग्रहण पश्चिमी यूरोप पेसिफिक, अटलांटिक, आर्कटिक मेक्सिको, उत्तरी अमेरिका, मध्य अमेरिका, दक्षिण अमेरिका के उत्तरी भाग, कनाडा, इंग्लैंड के उत्तर पश्चिम क्षेत्र और आयरलैंड में दिखाई देगा।
आधिकारिक तौर इस धूमकेतु का नाम पी12 है। यह किसी शैतान की तरह नजर आता है, जिसकी वजह से इसको शैतान धूमकेतु नाम दिया गया है। बीते साल इसमें एक धमाका हुआ था, जिसके बाद इसमें गैस और बर्फ के दो निशान बन गए थे और यह शैतान की सींग की तरह दिखते हैं। नासा के मुताबिक, 8 अप्रैल 2024 को पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान शैतान धूमकेतु को देखा जा सकता है। 1954 के बाद यह पहली बार यह धूमकेतु धरती के इतने नजदीक गुजरेगा। इसके बाद अब इसे कम से कम 2095 तक नहीं देखा जा सकेगा।
यह धूमकेतु एवरेस्ट पर्वत से तीन गुना बड़ा है और धरती की तरफ बढ़ रहा है। फिलहाल इस शैतान धूमकेतु को उत्तरी गोलार्ध से दूरबीन से देखा जा सकता है। वैज्ञानिकों ने उम्मीद जताई है कि सूर्यग्रहण के दौरान सूर्य के पास होने की वजह से इसे नंगी आंखों से भी देखा जा सकता है। यह धूमकेतु आंतरिक सौर मंडल से होकर गुजरता है और यह अप्रैल के मध्य में सूर्य के सबसे निकटतम बिंदु पर होता है।
दरअसल, आम तौर पर धूमकेतु धूल, गैस और बर्फ के विशाल गोले हैं। यह गैस के चमकीले बादलों से घिरे होते हैं, जिन्हें कोमा कहा जाता है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के मुताबिक, यह सौर मंडल के निर्माण के दौरान जमा अवशेष हैं। यह पिंड बहुत विशालकाय भी हो सकते हैं। सूरज की रोशनी और सौर विकिरण से धूमकेतु का कोर गर्म हो जाता है, जिसके कारण कभी-कभी इसमें विस्फोट हो जाता है।
शैतान धूमकेतु को शाम को उत्तरी गोलार्ध से पश्चिम-उत्तर क्षितिज की तरफ से दूरबीन से देखा जा सकता है। अप्रैल के आखिरी तक इसके देखे जाने की उम्मीद है, लेकिन आसमान साफ होने पर अंधेरे में मई तक भी देखा जा सकता है।
