केंद्र सरकार ने आम बजट में वन हेल्थ इंस्टीट्यूट शुरू करने की मंजूरी दी है। यह संस्थान पशुओं से इंसानों में आने वाली बीमारियों पर शोध करेगा। इसमें पशु विज्ञानी या इससे जुड़े संस्थानों को भी शामिल किया जाएगा। यह कदम पशुओं से इंसानों में बीमारियों के बढ़ते खतरे के मद्देनजर दिया गया है। देश में इस प्रकार का यह पहला संस्थान होगा।
दरअसल, पिछले 80 सालों के दौरान पशुओं से 340 वायरस और पैथोजन इंसानों में पहुंचे हैं। ताजा मामालों में कोरोना इसका उदाहरण है। जबकि हाल के वर्षों में निपाह, जीका, इबोला, सीसीएचएफ, केएफडी आदि के मामले भी पशुओं से इंसानों में आए।
एक अध्ययन के अुनसार 75 फीसदी पैथोजन पशुओं से इंसानों में पहुंचते हैं। इस प्रकार की बीमारियों को जूनाटिक डीजिज कहा जाता है। इसलिए इस दिशा में शोध करने की जरूरत है।
नया संस्थान आईसीएमआर के द्वारा स्थापित किया जाएगा।
इसमें शोध करने से इस प्रकार के संक्रमणों की जल्दी पहचान तथा रोकथाम के उपाय करने में मदद मिलेगी। अभी देश में पशुओं पर अलग शोध होता है और इंसानों की बीमारियों पर अलग से।