आशिक के साथ मिलकर पति की हत्या करने का मामला जम्मू में सामने आया है। दोनों ने पूरी तैयारी और सूझबूझ के साथ हत्या की साजिश रची। हत्या के बाद इसे हादसे का रूप दे दिया, ताकि किसी को शक न हो। जम्मू संभाग के जिला डोडा के भद्रवाह के रहने वाले आरोपी भानु प्रताप सिंह और शालू देवी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
इन पर आईपीसी की धारा 302 के तहत नरेश चंद्र की हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है। दोमाना पुलिस मामले की जांच कर रही है। मृतक मूल रूप से भद्रवाह का रहने वाला था, जो इस समय पौनी चक क्षेत्र में रहता था, जबकि आरोपी भी मूल रूप से भद्रवाह के हैं और इस समय पौनी चक में रहते हैं।
जानकारी के अनुसार, 7 अप्रैल की रात पुलिस कंट्रोल रूम जम्मू में गांधी नगर अस्पताल से फोन गया। बताया गया कि अस्पताल में एक एक्सीडेंट का मामला आया है। एक महिला अपने पति को घायल अवस्था में लेकर अस्पताल पहुंची है। पति की मौत हो चुकी है, जबकि महिला को हल्की चोटें आई हैं। पीसीआर ने दोमाना पुलिस स्टेशन में इसकी सूचना दी। मौके पर पहुंची दोमाना पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करवाया। साथ ही उसकी पत्नी के बयान दर्ज कर सड़क दुर्घटना का मामला दर्ज कर लिया।
शालू देवी ने पुलिस को बताया कि दोनों स्कूटी से जा रहे थे। पौनी चक क्षेत्र के सयोड़ा के पास पहुंचने पर एक अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। वह एक आटो रिक्शा में लेकर उसे गांधी नगर अस्पताल पहुंची, क्योंकि शरीर और चेहरे पर चोट के निशान थे तो पुलिस ने सड़क हादसा ही माना।
केस दर्ज करने के बाद पुलिस मामले की जांच में जुट गई। महिला के बयान भी दोबारा लिए गए, लेकिन उसके बयान हादसे के कारणों से मेल नहीं खा रहे थे। पुलिस ने कई जगहों की सीसीटीवी फुटेज ली, लेकिन कहीं भी एक्सीडेंट करने वाले वाहन का पता नहीं चला। इस बीच पुलिस ने गांधी नगर अस्पताल की फुटेज ली। जहां वो स्कूटी मिली, जिस पर यह दोनों सवार थे। पुलिस ने महिला से पूछा कि यदि दोनों आटो रिक्शा में आए तो स्कूटी को अस्पताल कौन लेकर आया था। इस पर पता चला कि यह स्कूटी भानु प्रताप लेकर आया था। पुलिस ने भानु को पकड़ा और पूछताछ करने पर पता चला कि इन दोनों ने हत्या की और इसे एक्सीडेंट का रूप दिया।
आरोपी भानु प्रताप सिंह गांधी नगर अस्पताल में मेडिकल सहायक की ट्रेनिंग करता है। मूल रूप से भद्रवाह का रहने वाला है। शालू देवी भी वहीं की रहने वाली है। दोनों एक दूसरे के पड़ोसी थे। दोनों के बीच प्रेम प्रसंग था। पौनी चक में भानु शालू का पड़ोसी था। दोनों ने मिलकर नरेश की हत्या करने की साजिश रची। 6 अप्रैल को नरेश को सयोड़ा क्षेत्र में एक खाली प्लाट में बुलाया। यहां उसकी सिर पर पत्थर मार मार कर हत्या कर दी। बाद में दोनों ने उसे स्कूटी पर बिठाया और सड़क पर फेंक दिया।