दमोह जिले के रंजरा ग्राम निवासी जालम सिंह लोधी की 18 अप्रैल को अभाना गांव की तलैया के पास सड़क हादसे में मृत हो गई थी और 21 अप्रैल को बेटी की शादी थी, जिसकी तैयारियां भी पिता ने कर ली थी, लेकिन उसके पहले ही उनकी मौत हो गई।
पत्नी नोनी बाई पति की अस्थियां विसर्जन करने इलाहाबाद चली गई और बेटी की शादी के दिन घर लौटती है। जैसे ही घर में बैठी थी कि अचानक से एक पक्षी घर की छत पर आकर बैठ जाता है और कुछ पल बाद नोनी बाई की गोद में जाकर बैठ गया। तभी बिन बाप की बेटी की शादी के लिए ग्रामीण एकत्रित होते हैं और घर से चंडी माता मंदिर के लिए जाने सभी रवाना होते हैं, लेकिन नोनी बाई की गोद में बैठा पक्षी यहां से वहां नहीं जाता और ग्रामीण जब कहते है कि बेटी की शादी को चलते है तो यह पक्षी लोगों के कंधों पर बैठकर चंडी माता मंदिर तक पहुंच जाता है।
चंडी माता मंदिर में बेटी इमरती के विवाह की रस्में शुरू होती है और उसका विवाह पटना भैंसखार निवासी देवेंद्र सिंह लोधी के साथ होता है। शादी की रस्में शुरू हुई तो यह पक्षी कुर्सियों पर बैठ जाता और जैसे ही जयमाला शुरू होती है बेटी इमरती की गोद में बैठ जाता है और कभी उड़कर बेटी के सिर पर बैठ जाता है, मानो बेटी को आशीर्वाद दे रहा हो। इतना ही नहीं जब बेटी ने पक्षी को दूध रखा तो वह गोद में बैठकर दूध पीने लगा और बारातियों के संग खाना भी खाया। यह पूरा वाकया सैकड़ों लोगों के सामने हुआ।
प्रत्यक्षदर्शी बने गांव के सरपंच लाखन सिंह लोधी बताते है कि यह पक्षी पिता की आत्मा बनकर बेटी की शादी में शामिल ही नहीं हुआ बल्कि शादी की पूरी रस्में पूरी होने तक गांव के चंडी माता मंदिर में मौजूद रहा और जैसे ही शादी की रस्में पूरी होती हैं अचानक से गायब हो जाता है। इस घटना का पूरा गांव प्रत्यक्षदर्शी और जीते जी बेटी की शादी की तमन्ना पूरी नहीं होने पर मृत्यु के बाद पिता की आत्मा पक्षी बनकर बेटी की शादी में शामिल होती है और बेटी को खूब आशीर्वाद देने यह घटना ग्रामीणों की आंखों देखी हकीकत है।