तेज बारिश से जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया। शहर के साथ ही ग्रामीण इलाकों में भारी जलभराव हो गया है। बिलारी में बारिश के बीच मकान की छत गिरने से इसके मलबे में दबकर भाई-बहन की जान चली गई।
सोनकपुर क्षेत्र के भिड़वारी गांव में शुक्रवार सुबह यह हादसा हुआ। जिस समय यह घटना हुआ उस समय ग्रामीण की 12 वर्षीय बेटी इकरा और बेटा शानिब (11) घर में मौजूद थे। हादसे के बाद ग्रामीणों ने मलबे को हटा दोनों के शव बाहर निकाले।
लगातार हो रही झमाझम बारिश से बिलारी, कांठ, ठाकुरद्वारा और कुंदरकी सहित सभी नगर पालिका और नगर पंचायत क्षेत्र में ड्रेनेज सिस्टम की पोल खुल गई है। जगह-जगह नाले ओवरफ्लो हो गए और गली-मोहल्लों से लेकर मुख्य मार्गों पर भारी जलभराव हो गया।
लोगों के घरों में पानी भर गया है। सरकारी भवनों तक में पानी भर गया है। बिलारी में जल निकासी न होने से बारिश नई सड़क क्षेत्र व आसपास के गांवों के रास्ते में पानी भर गया। कांठ में नाले ओवरफ्लो हो गए। नगर की सड़कों और घरों में पानी भर गया। कांठ में रामलीला मार्ग, संत रविदास धर्मशाला मार्ग, पट्टीवाला, फकीरगंज आदि स्थानों पर सड़कें पानी से लबालब भरी नजर आईं।
बारिश अब जानलेवा भी बनती जा रही है। एक सप्ताह में बारिश और बिजली गिरने से तीन किसानों की मौत हो चुकी है। दो हादसे बुधवार को हुए, जबकि एक सप्ताह पहले 26 जून को बिजली गिरने से बिलारी में एक किसान की जान चली गई थी।
गांव कुतुबपुर अज्जू में बुधवार सुबह करीब आठ बजे बारिश के दौरान ट्यूबवेल की कोठरी गिरने से किसान बाबूराम (58) की मौत हो गई। गांव रसूलपुर हमीर निवासी किसान मुनाजिर हुसैन (56) की जंगल में बिजली गिरने से जान चली गई थी।
बिलारी क्षेत्र के गांव मीरापुर माफी में 26 जून को धान की रोपाई करते समय बिजली गिरने से गांव निवासी राजकुमार (28) की मौत हो गई थी। राजकुमार पिता श्रीकृष्ण व अन्य मजदूरों के साथ ठेके पर धान की रोपाई कर रहा था। श्रीकृष्ण ने बताया कि बारिश के दौरान तेज आवाज के साथ बिजली गिरी थी।