डेंगू को लेकर बुलाई गई बैठक में भाजपा व कांगे्रस के नेता आपस में भिड़े, महापौर ने भी संसाधनों का रोना रोकर बताई अपनी परेशानी, हो हल्ला के बीच बिना कोई सुझाव के खत्म हो गई बैठक

by Kakajee News

रायगढ़। रायगढ़ शहर के एक दर्जन से भी अधिक वार्ड बीते 15 दिनों से डेंगू मच्छरों के काटने से वार्डवासी जूझ रहे हैं और अब यह आंकडा ढाई सौ से पार हो चुका है। इतना ही नही जांच में लगे सफाई कर्मी तथा निगम के कई कर्मचारी इसकी चपेट में आ चुके हैं इसके बचाव के लिये जिला कलेक्टर कार्तिकेय गोयल पूरी टीम के साथ कई वार्डो का दौरा भी करते हुए निगम को साफ-सफाई व्यवस्था के अलावा घर-घर जांच के दिशा निर्देश दिये हैं और उनके सुझाव के अनुसार भाजपा व कांगे्रस के अलावा आम नागरिकों की एक बैठक बुलाकर योजना बनाने के लिये कहा था और इस आदेश के बाद निगम में बुलाई गई बैठक हो हल्ला आरोप, प्रत्यारोप के अलावा हंगामे की भेंट चढ़ गई।
रायगढ़ नगद निगम की महापौर जानकी काटजू ने निगम में कल शाम बुलाई गई बैठक में सरेआम यह तक कह दिया कि निगम के पास कोई संसाधन नही है और अधिकारी उनके कहने के बावजूद भी उस पर अमल नही करते। इससे पहले इस बैठक में भाजपा व कांगे्रस के पार्षदों तथा नेताओं के बीच जमकर आरोप प्रत्यारोप हुए और भारी हंगामे के बीच यह आरोप लगा कि कांगे्रस की सरकार निगम में होनें के बावजूद भी डेंगू जैसी बीमारी को रोकने के लिये कोई ठोस योजना नही है। बीते साल भी शहर के लोग इससे जूझते हुए कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं फिर भी नगर निगम में मच्छरों को मारने के लिये फाॅग मशीन तक नही होना इस बात के संकेत है कि निगम जनता के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर नही है।
कलेक्टर के दिशा निर्देश में बुलाई गई निगम परिसर में आयोजित इस बैठक में निगम महापौर जानकी काटजू, पूर्व सभापति सलीम नियारिया सहित भाजपा व कांगे्रस के अधिकांश पार्षद मौजूद थे इतना ही नही निगम आयुक्त सुनील चंद्रवंशी ने इस हंगामे को रोकने के लिये कोई पहल नही की बल्कि उनके सामने कई बार महापौर ने यह तक कहा कि निगम में कई सालों से संसाधन नही होनें के कारण शहर के विकास कार्य व साफ-सफाई व्यवस्था ठप्प पडी है और बोलने के बावजूद भी निगम के अधिकारी कोई पहल नही करते। वहीं निगम के पूर्व सभापति व कांगे्रस पार्षद सलीम नियारिया ने भी शहर में बढ़ रही डेंगू बीमारी को लेकर निगम की पहल को कम बताया। इसके बाद तो भाजपा पार्षदों ने जमकर आरोप लगाते हुए मोर्चा खोल दिया था। दो घंटे तक चली इस बैठक में डेंगू वायरस को रोकने के लिये सुझाव लाने की बजाए आरोप प्रत्यारोप के बीच हंगामे की भेंट चढ़ गई।

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