गैंगा रैप का था इरादा, मना किया तो कर दी हत्या, आरोपियों को एफटीसी कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद व जुर्माने की सजा

by Kakajee News

रायगढ़। महिला के द्वारा शारीरिक संबंध बनाने से मना करने पर दो लोगों के द्वारा गला घोटकर महिला की हत्या करने के मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एफटीसी के विद्वान न्यायाधीश जगदीशराम ने तीन साल पुराने मामले में फैसला सुनाते हुए दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास व जुर्माने से दंडित किया है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार मामला संक्षेप में इस प्रकार है कि 15 जुलाई 2021 को अभियुक्त निराकार चैहान अपनी स्कूटी से काम करने रायगढ़ आया था। वापस घर जाते समय चक्रधर नगर स्टेट बैंक के शाम करीब 4 बजे पीडिता मिली जिसे उसने अपनी स्कूटी में बिठाकर अपने घर ले आया। शाम करीब 6 बजे अपने साथ अभियुक्त पदमन खडिया को अपने घर बुलाया और रात करीब साढ़े 8 बजे पीड़िता द्वारा उन्हें संबंध बनाने से मना कर करने पर दोनों अभियुक्तों ने गमछा से पीड़िता की गला घांेट कर हत्या कर दी।
पीड़िता की मौत हो जाने के बाद अभियुक्त निराकार चैहान ने गांव के सरपंच मिथिलेस कुमार नायक को उसके घर में एक महिला का शव पड़े होनें की मोबाईल फोन में दी। जिसके बाद सरपंच मिथिलेस कुमार नायक एवं गांव के अन्य लोग निराकार चैहान के घर पहुंचे तो देखा कि एक महिला की लाश पड़ी हुई थी और उसके गले में गमछा बंधा हुआ था व नाक से खून निकल रहा था। जिसके बाद गांव के सरपंच के द्वारा इस मामले की जानकारी चक्रधर नगर थाने मंे दी गई। पुलिस ने इस मामले में धारा 376, 376 घ, 302, 34 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए न्यायालय में पेश किया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया था। उक्त प्रकरण उर्पापण पश्चात एफटीसी की अदालत में पहुंचा जहां इस मामले में दोनों पक्षों की सुनवाई पश्चात अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एफटीसी के विद्वान न्यायाधीश जगदीश राम ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए दोनों आरोपियों निराकार चैहान व पद्नम खडिया को धारा 302, 34 के तहत आजीवन कारावास एवं 500 सौ रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया है। जुर्माने की राशि नही पटाये जाने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगताने को कहा गया है। इस मामले में पुलिस की ओर से आरोपियों के खिलाफ 376 का भी अपराध पंजीबद्ध किया गया था किंतु मामले की विवेचना के दौरान गैंग रेप की पुष्टि नही होनें के कारण उक्त धाराएं हटा ली गई है।  इस मामले में अपर लोक अभियोजक हरिलाल पटेल ने पैरवी की।

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