पांच साल पहले रायगढ़ जिले के टीमरलगा अवैध उत्खनन पर कार्यवाही करने गए आईएएस अधिकारी मयंक चतुर्वेदी सहित खनिज विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों पर जेसीबी से हमला करने के 4 आरोपियों को विशेष न्यायाधीश जितेंद्र जैन ने आरोपियों को 10-10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
ये घटना बीते 12 अप्रैल 2019 के रात 12.30 बजे की है, जब रायगढ़ के तत्कालीन सहायक कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी, खनिज विभाग के अधिकारियों तत्कालीन उप संचालक खनिज शिवशंकर नाग, खनिज निरीक्षक राकेश वर्मा, घनश्याम दीवान व निलांबर यादव के साथ सारंगढ़ के टिमरलगा के आसपास अवैध उत्खनन और परिवहन की शिकायत मिलने पर जांच के लिए पहुंचे थे। आरोपियों द्वारा जांच के दौरान सहायक कलेक्टर सहित अन्य अफसरों के ऊपर जेसीबी चढ़ाने का प्रयास किया गया था, वहीं कार से भी कुचलने की भी कोशिश की गई थी। इस मामले में आरोपियों के खिलाफ धारा 147,186 एवं धारा 149, 353, 341, 307 एवं अनुसूचित जाति एवं अनसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धारा 3 (वी) के तहत एफआईआर किया गया था।
इस मामले में विशेष न्यायधीश श्री जितेन्द्र कुमार जैन ने आरोपियों को 10-10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दस हजार रूपए जुर्माना भी लगाया है। जिसमें टिमरलगा निवासी आरोपी कन्हैया पटेल, हरिचरण पटेल, लोकनाथ पटेल, लालसाय निषाद को 10 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। वहीं घटना में प्रयुक्त जेसीबी, मोटर साइकिल और कार को राजसात करने के आदेश दिए गए हैं।
मुख्य आरोपी की हो चुकी हैं मौत
इस पुरे मामले में मुख्य आरोपी अमृत पटेल की मौत हो चुकी हैं। आई ए एस पर हमला करने के बाद अमृत पटेल को अधिकारी की रिपोर्ट पर अलग अलग धाराओं के तहत काफ़ी समय बाद गिरिफ्तार किया गया था और बाद में कोर्ट से जमानत मिलने पर कब मुख्य आरोपी रिहा हुए तो उन्हे विस्फोटक अधिनियम की गम्भीर धाराओं में आरोपी बनाकर फिर जेल भेजा गया। काफ़ी दिनो बाद अमृत पटेल गम्भीर बीमारी के उनकी मौत हो गई।