महिला सुरक्षा को लेकर घड़ियाली आँसू बहाने से पहले सुप्रिया को कांग्रेस शासनकाल की करतूतों को खंगाल लेना था : भाजपा

by Kakajee News

प्रदेश प्रवक्ता गुप्ता का कांग्रेस प्रवक्ता के बयान पर तीखा हमला, कहा : कांग्रेस में महिलाओं का न कोई सम्मान है, और न ही महिलाओं का आत्म-सम्मान सुरक्षित है
नैना साहनी, जेसिका लाल हत्याकांड की याद दिलाकर गुप्ता ने श्रीनेत से सवाल किया : प्रियंका चतुर्वेदी, सुष्मिता देव, राधिका खेड़ा ने आखिर कांग्रेस क्यों छोड़ी?

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता केदारनाथ गुप्ता ने महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों को लेकर कांग्रेस नेताओं द्वारा की जा रही ओछी राजनीति पर तीखा हमला बोला है। श्री गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता व मीडिया चेयरपर्सन सुप्रिया श्रीनेत को छत्तीसगढ़ में महिला सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दे पर पत्रकार वार्ता लेकर घड़ियाली आँसू बहाने से पहले छत्तीसगढ़ के कांग्रेस शासनकाल की करतूतों को खंगाल लेना था। भूपेश सरकार के कार्यकाल में महिलाओं पर हुए अत्याचार-आनाचार की करतूतों को जानने के बाद श्रीनेत इस तरह का मिथ्या प्रलाप नहीं करतीं।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री गुप्ता ने सोमवार को एकात्म परिसर स्थित भाजपा कार्यालय में प्रेस ब्रीफ के दौरान पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि कांग्रेस का समूचा राजनीतिक चरित्र शुरू से महिला विरोधी रहा है। नैना साहनी, जेसिका लाल की हत्या के मामलों की याद दिलाते हुए श्री गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस प्रवक्ता श्रीनेत आज जिस कुर्सी पर बैठी हैं, कभी उस कुर्सी पर बैठने वाली कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता राधिका खेड़ा के साथ इसी छत्तीसगढ़ में क्या कुछ नहीं घटा? उन्हें कमरे में बंद करके उनसे दुर्व्यवहार किया गया और कांग्रेस के प्रदेश से लेकर केंद्रीय नेतृत्व तक आँसू बहातीं राधिका खेड़ा ने गुहार लगाई, लेकिन जब उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई तो विवश होकर कांग्रेस से उनको इस्तीफा देना पड़ा। श्री गुप्ता ने श्रीनेत से सवाल किया कि वह बताएँ कि प्रियंका चतुर्वेदी और महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुष्मिता देव ने कांग्रेस क्यों छोड़ी? श्री गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस में महिलाओं का न कोई सम्मान है, और न ही महिलाओं का आत्म-सम्मान सुरक्षित है। कांग्रेस की भूपेश सरकार के एक मंत्री ने महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामलों को छोटी और साधारण घटना और तत्कालीन महिला आयोग की अध्यक्ष ने दुष्कर्म की घटनाओं को आपसी सहमति से बना संबंध बताकर महिलाओं के आत्म-सम्मान को रौंदने का काम तक किया था।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री गुप्ता ने कहा कि छत्तीसगढ़ के कोण्डागाँव के मामले में सुप्रिया श्रीनेत ने सपेद झूठ बोलकर तथ्यहीन बात कही है। इसी कोण्डागाँव में कांग्रेस की भूपेश सरकार के समय दुष्कर्म पीड़िता एक महिला की एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई थी। जब पीड़ित महिला और उसके व्यथित पिता ने फाँसी लगाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया तब कहीं जाकर उस मामले में एफआईआर हुई थी। इतना ही नहीं, रतनपुर में एक बेटी के साथ बलात्कार हुआ, और जब उसकी विधवा माँ एफआईआर कराने पहुँची तो बजाय बलात्कार की रिपोर्ट दर्ज करने के पुलिस ने उसकी माँ को ही अनाचार कराने के मामले में जेल में डाल दिया था। कांग्रेस के राज की उन एफआईआर पर आज भाजपा सरकार के राज में कार्रवाई हो रही है। श्रीनेत बताएँ, यह कैसा राज चला रही थी कांग्रेस की भूपेश सरकार? श्री गुप्ता ने कहा कि महिलाओं के साथ ऐसे-ऐसे जघन्य अपराध करने वाली कांग्रेस देश को किस दिशा में ले जाना चाहती है? महिलाओं को लेकर आज रूदन करने और आधी आबादी की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाने का कोई नैतिक अधिकार कांग्रेस नहीं रखती।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री गुप्ता ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली भाजपा की सरकार ने न केवल महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों पर अंकुश लगाने का काम किया है, बल्कि दीगर अपराधों पर भी अंकुश कायम किया है। भूपेश बघेल जी के कार्यकाल में सूखे नशे एवं अवैध शराब का कारोबार गली मोहल्ले तक पहुंच गया था , जो अपराध की मूल जड़ बना इस अवैध कारोबार को मुख्यमंत्री विष्णु देव जी की भाजपा सरकार इसे समूल नष्ट करने पर संकल्पित है।भाजपा शासनकाल में बलात्कार के 600 मामले का आरोप लगाया है कि 1 जनवरी से लेकर 30 जून 2024 तक दर्ज हुए हैं,उन्हें मालूम होना चाहिए कांग्रेस के शासनकाल में यह आँकड़ा 1 जनवरी से 30 जून 2023 तक 1294 था। बलात्कार के मामलों में भाजपा शासनकाल में 50 फीसदी की कमी आई है। इसी प्रकार सारे अपराधों की जड़ सूखे नशे के अवैध कारोबार पर भी प्रदेश की भाजपा सरकार लगातार चोट कर रही है। स्वपाक औषधि एवं मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम-1985 के तहत भाजपा सरकार ने 30 जून 2024 तक 809 मामले दर्ज कर कार्रवाई की है। इसी प्रकार आबकारी अधिनियम-1915 के तहत भाजपा की प्रदेश सरकार ने 1 जनवरी से 30 जून 2024 तक 18,874 मामलों पर कार्रवाई की है।

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