डोजर में लगी आग, करोड़ों का हुआ नुकसान, तीन घंटे बाद आग पर पाया गया काबू, शॉर्ट सर्किट से आग लगने की आशंका

by Kakajee News

कोरबा। विश्व की दूसरी सबसे बड़ी ओपन कोयला खदान गेवरा परियोजना में हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। secl में कामस्तु कंपनी की डोजर नंबर 915 में आग लग गई। यह घटना उस वक्त घटी जब श्रीराम शाॅवेल, गणेश शाॅवेल और पार्था शाॅवेल के डंपिंग कार्य में मशीन संलग्न थी। डोजर ऑपरेटर बालेश्वर ने समय रहते सूझबूझ दिखाते हुए डोजर से कूदकर अपनी जान बचाई।
हादसे के वक्त कोल इंडिया की वेलफेयर टीम गेवरा माइंस के निरीक्षण पर मौजूद थी। ऐसे समय में सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल उठना लाजमी है, जब 10 अप्रैल को भारत के कोयला मंत्री किशन रेड्डी का गेवरा खदान में निरीक्षण प्रस्तावित है। मंत्री रेड्डी के दौरे को लेकर प्रबंधन पहले से ही सतर्क मोड में है, लेकिन लगातार हो रहे हादसे प्रशासन की तैयारियों की पोल खोलते नजर आ रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि डोजर में लगी आग को बुझाने में ढाई से 3 घंटे लग गए जिसमें करोड़ों रुपए का नुकसान बताया जा रहा है।
पूर्व में भी गेवरा माइंस में तकनीकी खामियों और लापरवाही के कारण कई बार घटनाएं हो चुकी हैं। अब जबकि विश्व की दूसरी सबसे बड़ी ओपन कोल माइंस पर देश के कोयला मंत्री का दौरा तय है, ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति को लेकर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।
काम कर रहे लोगों की माने अचानक आगजनिक की घटना सामने संभवत शार्ट सर्किट होने के चलते यह स्थिति निर्मित हुई है। समय रहते अगर वहां से नहीं भागते तो बड़ी घटना घट सकती थी कहीं ना कहीं शॉर्ट सर्किट के बाद वाहन में जो लीकेज के चलते आग की लपटे और बढ़ गई और यह स्थिति निर्मित हो गई वही इस रास्ते के बाद आसपास लोगों में हड़कंप मच गया और इसकी जानकारी दमकल वाहन को दी गई जहां किसी तरह आग पर काबू पाएगा। वही इस आगजनि की घटना में मशीन को भी काफी नुकसान हुआ है वह इसके अलावा काम भी कुछ देर के लिए रुका हुआ था।
खदान में आगजनी के कोई पहली घटना नहीं है इससे पहले भी कई बार घटना घट चुकी है और secl और नियोजित निजी कंपनियों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है। अक्सर गर्मी के दिनों में इस तरह की घटना सामने आते रहती है जिस पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है।

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