कोंडागांव जिले में सोमवार को एक स्थायी वारंटी नक्सली सुकालू राम नाग ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया। सुकालू पूर्वी बस्तर डिवीजन के अंतर्गत आमदई एलओएस में सहयोगी सदस्य के रूप में कार्यरत था और वर्ष 2003 से 2025 तक विभिन्न नक्सली गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल रहा।
पुलिस के अनुसार, आत्मसमर्पित नक्सली को छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास नीति के तहत प्रोत्साहन राशि के रूप में 50 हजार रुपये प्रदान किए गए हैं। इसके अतिरिक्त अन्य लाभों के लिए वरिष्ठ कार्यालय को पत्राचार किया गया है।
सुकालू नाग पर थाना मर्दापाल में वर्ष 2018 के एक गंभीर मामले में स्थायी वारंट लंबित था। उस पर ग्राम तुमड़ीवाल निवासी एक ग्रामीण को जनअदालत लगाकर मारपीट करने, जान से मारने की धमकी देने तथा घर से लाखों का सामान लूटने का आरोप है।
आत्मसमर्पण के दौरान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शंकर लाल बघेल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कौशलेन्द्र देव पटेल, उप पुलिस अधीक्षक सतीश भार्गव समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति, सिविक एक्शन कार्यक्रमों और सुरक्षा बलों की सतत कार्रवाई के चलते माओवादियों में भय का माहौल है और वे संगठन छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं।