शहर की पैरवी करने वाले मुकुल झा शहरवासियों को रुला गया, भीगी पलकों से दी शहरवासियों ने अंतिम विदाई

by Kakajee News

रायगढ़ :- शहर की पैरवी करने वाला मुकुल झा शहरवासियों को रुला गया भीगी पलकों से आज उन्हें अंतिम विदाई दी गई। रविवार रात नागपुर में इलाज के दौरान उनके मृत्यु के समाचार से शहर शोक में डूब गया। आज अपराह्न तीन बजे किरोड़ीमल कॉलोनी उनके निवास स्थान से उनकी अंतिम यात्रा कायाघाट स्थित मुक्तिधाम के लिए रवाना हुई तो एक बरगी के लिए आसमान भी बरस उठे। उनकी अंतिम यात्रा में अधिवक्ता, मीडिया राजनीति से जुड़े नेता सामाजिक व्यापारिक धार्मिक संगठन से जुड़े पदाधिकारी खिलाड़ी सहित शहर के गणमान्य लोग शामिल हुए। बतौर अधिवक्ता बतौर खिलाड़ी हर किसी से मुकुल की स्मृतियां जुड़ी हुई थी।
हर किसी जुबान में मुकुल से जुड़ी हुई मधुर स्मृतियों से जुड़ी चर्चाएं थी।1962 में डिग्री कॉलेज में हिंदी के व्याख्याता रहे झा प्रोफेसर के बेटे मुकुल झा की कॉलेज की शिक्षा कॉमर्स कॉलेज में हुई। सन 1986 के दौरान उन्होंने एम कॉम किया उसके बाद लॉ की पढ़ाई के लिए लॉ कॉलेज में दाखिला लिया। इस दौरान उन्होंने लॉ कॉलेज के अध्यक्ष का चुनाव भी लड़ा। उनकी रुचि फुटबॉल और क्रिकेट में रही। बेटे का नामकरण भी फुटबॉल खिलाड़ी के नाम पर किया। 90 के दशक के दौरान अधिकवक्ता का कार्य शुरू हुआ जो अंतिम तक जारी रहा। अपनी मिलनसरिता से उन्होंने रायगढ़वासियों के दिल में अमिट छाप छोड़ी। छग गठन के बाद वे नोटरी बने और 2015 के दौरान वे अधिवक्ता संघ के सचिव भी बने उनका कार्यकाल आज भी स्मरण किया जाता है। शतरंज में भी उनकी रुचि रही। बेटा अम्लान पिता मुकुल से मिली कानून की समृद्ध विरासत को संभालेगा।दो वर्ष पूर्व उनकी एक पुत्री का विवाह हो चुका।

Related Posts

Leave a Comment