चुने हुए जनप्रतिनिधि पर अधिकारी हो रहे हैं हावी, मनमानी का विरोध करने पर कहते हैं गेट आउट, कांग्रेस के ही प्रतिनिधियों को निगम आयुक्त ने धमकाया

by Kakajee News

रायगढ़. रायगढ़ नगर निगम इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है और इसका मुख्य कारण है यहां पदस्थ नए निगम आयुक्त आशुतोष पाण्डेय। उनकी कार्य प्रणाली को लेकर कांग्रेस के ही पार्षद से लेकर अन्य पदाधिकारी कई बार आपत्ति जता चुके हैं लेकिन उनकी मनमानी रूकने का नाम नही ले रही है हद तो तब हो जाती है जब बिना टेण्डर के अपने ही मर्जी से शहर के सौंदर्यीकरण की आड में लाखों के काम शहर में करवाने का विरोध करने सभापति और उनके साथ कांग्रेस पार्षद पहुंचते हैं तो निगम आयुक्त उन्हें चेंबर में न केवल धमकाने लग जाते हैं बल्कि गेट आउट तक कहने से नही चूकते। ऐसे में साफ जाहिर है कि निगम के भीतर चुने हुए जनप्रतिनिधियों की उड़ती धज्जियां जनता के बीच जो संदेश लेकर जा रही है वह भूपेश बघेल सरकार के लिए भी खतरे का संकेत है।
सुग्घर राइगढ़ की परिकल्पना लिए वार्ड विकास करने का दावा करने वाले निगम आयुक्त पर शहर सरकार के वार्ड पार्षदों ने नियम के विपरीत कार्य करने का आरोप लगाया है,वार्ड पार्षद आज इसी बात की शिकायत सभापति जयंत ठेठवार के पास पहुंचे थे,सभी वार्ड पार्षदों ने यह आरोप लगाया कि निगम आयुक्त मनमाने तरीके से बिना टेंडर जारी किए निर्माण कार्य करवा रहे है, नियम के तहत कार्य न करने पर नाराज़ हुए पार्षदों से चर्चा कर सभापति जयंत ठेठवार निगम कमिश्नर के केबिन में सभी पार्षदों के साथ चर्चा करने पहुंचे।
आयुक्त के चेंबर में सामान्य चर्चा बात बात में तू तू मैं मैं और तेज़ झड़प में तब्दील हो गई,गुस्से गुस्से में निगम कमिश्नर ने सभापति को गेट आउट तक कह दिया,इतना सुनते ही वरिष्ठ कांग्रेसी व सभापति जयंत ठेठवार भड़क गए और उन्हें मर्यादा में रहने की सलाह दे डाली। कमिश्नर ने स्वछता सर्वेक्षण के हवाला देते हुए निगम के कार्य किए जाने का बहाना बनाया तो वंही कांग्रेसी पार्षदों के कहना था कि निगम आयुक्त शहर में किए जा रहे कार्यों के लिए न ही सदन की स्वीकृति जरूरी समझ रहे है और न ही निगम द्वारा निर्माण कार्य का टेंडर जारी किया जा रहा है इससे विपक्ष को मुद्दा मिल रहा है। कांग्रेस की शहर सरकार के नाम को खराब करने का कार्य निगम आयुक्त द्वारा किया जा रहा है,स्वछता सर्वेक्षण में रायगढ़ का स्थान पहला आए यह हम सभी की चाह है परन्तु इसके लिए नियम को दरकिनार किआ जाना कदापि उचित नही है। सभापति द्वारा लगाए गए आरोपो से निगम कमिश्नर बौखला गए और अपना आपा खो बैठे। पूर्व सभापति सलीम नियरिया व पार्षद संजना शर्मा तथा शाखा यादव ने बीच बचाव कर मामला शांत करवाया अन्यथा बात और बिगड़ सकती थी,परन्तु आज जो तीखी बहस की स्थिति सभापति व निगम कमिश्नर के बीच उत्पन्न हुई वह निंदनीय है। आपसी सामंजस्य व तालमेल के साथ ही शहर का विकास सम्भव हो सकता है। सभापति व सभी कांग्रेसी पार्षदो ने महापौर जानकी काटजू से मिलकर सारी बातें रखी, जिस पर महापौर ने इस घटना को निंदनीय बताते हुए इस पर निगम कमिश्नर से चर्चा करने की बात कही। सभापति पर जमकर गरजने के बाद जब हमने निगम आयुक्त से बात करनी चाही तो उन्होंने मीडिया से कुछ भी कहने से साफ मना कर दिया।
22 लाख की लागत से बनाया गया ऑक्सीजोन भी तुडवा दिया गया
निगम आयुक्त पर सभापति जयंत ठेठवार ने यह भी आरोप लगाया कि हाल ही में केलो नदी के किनारे 22 लाख रूपए की लागत से आक्सीजोन बनाकर वहां सैकड़ो पेड़ लगाए गए थे और उस जगह को शहर के लोगों के लिए सौंदर्यीकरण का भी प्लान था, लेकिन केलो नदी के किनारे गंदे पानी को निकालने के लिए बिछाई जा रही पाईप लाईन के कार्य में इस ऑक्सीजोन को निगम के पदाधिकारियों के जानकारी के बगैर न केवल तुड़वा दिया गया, बल्कि लाखों की राशि को बर्बाद कर दिया, जो कि गलत है।

Related Posts