स्वच्छ भारत मिशन से मिली राष्ट्रीय स्तर पर पहचान, आगामी योजना बनाने में किया गया शामिल
रायगढ़। 29 साल की मोनिका इजारदार सोशल वर्क में मास्टर्स डिग्रीधारी हैं। स्वच्छता के प्रति कार्य को देखते हुए दिल्ली में उन्हें स्वच्छ भारत के एप लॉन्चिंग इवेंट में बुलाया गया, इस दौरान उन्हें वहीं काम करने को कहा गया, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने खुद समझाया कि दिल्ली में ज्यादा स्कोप है पर मोनिका को रायगढ़ में ही काम करना था, क्योंकि कोविडकाल में क्वारंटाइन सेंटर्स में एक दिन में 3,600 सैनेटरी पैड वो ही बांट सकती हैं। रायगढ़ में रहते हुए पेंसिलवेनिया यूनिवर्सिटी उनके विचारों को अपने रिसर्च में जगह देती है। 2014 से 2018 तक वो ही मुफ्त में काम कर सकती हैं। घरघोड़ा के दूरस्थ गांव रई में दो महीने रहकर बिना किसी सड़क के ग्रामीणों को 2 किलोमीटर दूर सीमेंट-बालू-ईंट लाने को प्रेरित कर 35 शौचालय सिर्फ मोनिका ही बनवा सकती हैं। जिस पर उन्हें प्रधानमंत्री से अवार्ड भी मिला हुआ है।
मोनिका 2013 से जिला प्रशासन के साथ काम कर रही हैं लेकिन उन्हें पहली बार पहचान तब मिली जब 10 अप्रैल 2018 को चंपारण में स्वच्छ भारत मिशन में बेहतर कार्य करने के लिए उनको राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया। इस साल कोरोना काल में मोनिका इजारदार की मेहनत और कार्य को जिला प्रशासन और आमजन शायद ही कभी भूल पायेंगे।
कोविड संक्रमण के शुरुआती दौर में जब लोग दूसरे शहरों से अपने गृह जिले में आ रहे थे और जिला प्रशासन उन्हें क्वारंटाइन सेंटर, संक्रमित लोगों को कोविड सेंटर में रख रहा था तो उनके रहने खाने-पीने की सारी सुविधाएं मुहैय्या कराई गई थी। उनमें महिलाएं भी थीं जिनके माहवारी को लेकर स्वास्थ्य संबंधी कोई व्यवस्था नहीं थी। तब क्वारंटाइन सेंटर्स में फिर चाहे वो जिले के किसी भी कोने में क्यों न हो मोनिका स्वच्छता दूत बनकर उनके बीच पहुँचीं और मुफ्त में वहां पर सैनेटरी पैड पैड उपलब्ध कराये। क्वारंटाइ सेंटर में रह रही महिलाएं जिसमें से ज्यादातर मजदूर थीं उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा था कि उनके स्वास्थ्य और स्वच्छता का कोई इस हद तक भी ख्याल रख सकता है।
मोनिका कहतीं हैं, “14 दिन का कम-से-कम क्वारंटाइन समय होता ऐसे में लगभग सभी महिलाओं को पैड बांटा गया। कई महिलाओं ने आश्चर्य जताया क्योंकि सैनेटरी पैड नहीं होने की वजह से वह कपड़े का इस्तेमाल करने को विवश थीं। सैनेटरी पैड पाकर महिलाएं काफी खुश थीं। इसे बांटने के लिए शुरुआत में मुझे जिले के लगभग सभी ब्लॉकों में खुद ही जाना पड़ता था, वहां एमओ, नर्स, महिला सरपंच,समूह की दीदियों, बीपीएम इत्यादि की सहायता से पैड बांटती। इस काम के लिए मुझे सुबह 8 बजे तक घर से निकलना होता था और रात 11 बजे तक घर आ पाती, कलेक्टर भीम सिंह और जिला पंचायत सीईओ ऋचा प्रकाश चौधरी का विशेष मार्गदर्शन मिला। एक बार तबियत बिगड़ी पर शुक्र है कोरोना नहीं हुआ।“
पैडवूमन स्वास्थ्य पर भी देतीं ध्यान
कई ब्लाकों में उन्हें पैडवूमन के नाम से भी जाना जाता, उन्होंने एक दिन में सर्वाधिक 3,600 पैड तक बांटे हैं। अकेले वो घर से निकलती फिर चाहे वो धरमजयगढ़ हो या सारंगढ़ सब जगह वह मौजूद रहतीं। सिर्फ पैड देने तक मोनिका का काम सीमित नही थीं, क्वारंटाइन सेंटर्स के इंचार्ज को वो माहवारी वाली महिलाओं के खान-पान के लिए टिप्स देती कि उन्हें हरी साग-सब्जी और प्रोटीनयुक्त खाना दिया जाए। महिलाओं को स्वच्छता कैसे बरतनी है और क्या-क्या सावधानियां जरूरी हैं यह बाते बतातीं। क्वारंटाइ सेंटर्स में रह रही किशोरियों को गुड-टच, बैड-टच और भीड़ में खुद को कैसे सुरक्षित रखा जाए यह बतातीं।
नैट जियो से लेकर दूरदर्शन सभी ने दी मोनिका को तवज्जो
मोनिका इजारदार वर्तमान में जिला पंचायत में माहवारी स्वच्छता प्रबंधन में वालंटियर हैं। वह 2013 में जिला पंचायत से जुड़ी तब उनके हिस्से में स्कूल छोड़ चुके बच्चों को पढ़ाना था जिसमें शत प्रतिशत परिणाम लाने के बाद उनकी भूमिका बदल गई उन्हें 2014 में स्वच्छ भारत मिशन में लाया गया। स्वच्छ भारत मिशन पर उनके काम को देखते हुए चंपारण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों राष्ट्रीय पुरस्कार देकर सराहा गया। स्वच्छ भारत मिशन को लेकर फरवरी 2019 में दूरदर्शन पर एपिसोड चलाया गया जिसमें छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व एंकर व प्रसिद्ध एक्टर मनोज बाजपेई के सामने मोनिका ने ही किया। स्वच्छ भारत मिशन को लेकर जब नेशनल जियोग्राफी चैनल ने डॉक्यूमेंट्री बनाने की ठानी तो मोनिका ने उनका साथ पेंड्रा में दिया। स्वच्छ भारत मिशन पर पेंसिलवेनिया यूनिवर्सिट ऑफ अमेरिका ने रिसर्च बुक छापी तो उनके 40 सवालों के जवाब मोनिका ने भी दिया जो इस रिसर्च बुक में शामिल किया गया।
मिडिल स्कूल में भी माहवारी के बारे में बताया जाए
स्वच्छ भारत मिशन फेस-2 में सरकार ने देशभर के 10 स्वच्छताग्राहियों को लेकर वेबिनार का आयोजन किया था। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और वरिष्ठ आईएएस अरूण बोथरा इसकी अध्यक्षता कर रहे थे। मोनिका ने हाइवे के दोनों छोर पर शौचालय खुलवाने का अभिमत रखा, वर्तमान में किसी भी एक ओर ही शौचालय होता है। वर्तमान में स्कूलों में हाई व हायर सेकेंडरी में माहवारी स्वच्छता के बारे में बताया जाता है, मोनिका इसे मिडिल स्कूल में भी लागू करने की बात कही उन्होंने इसके पीछे तर्क दिया कि हार्मोंस के बदलाव और खान-पान के कारण आजकल मिडिल स्कूल में भी बच्चियों को माहवारी शुरू हो जाती है इसके बारे मे उन्हें बताना बहुत जरूरी है। सामुदायिक शौचालयों के बाहर छोटी सी दुकान हो जिसमें तेल-साबुन और सैनेटरी पैड हो जिससे वहां आने वाले लोग स्वच्छता से संबंधी सामान ले सकेंगे, इस दुकान का संचालन स्वसहायता समूह की दीदियां करें जो उनके आय का साधन भी बने। अगर ये बदलाव हुए तो मोनिका के विचार इसके पीछे हैं।