उत्तर प्रदेश में सोशल मीडिया पर एक युवती के साथ गैंगरेप का वीडियो वायरल हो गया। ऐसे में जब इस बात की जानकारी पुलिस विभाग तक पहुंची तो जांच में सामने पता चला कि घटना राजस्थान के जयपुर की है। पुलिस ने वीडियो की पड़ताल की तो पता चला पीड़िता यूपी की रहने वाली है और फिर पुलिस ने उसे जयपुर बुलाकर केस दर्ज करवाया और मामले में तीन आरोपियों को दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि घटना करीब 6 महीने पहले की है, जिसमें एक लड़की के साथ तीन अलग-अलग कारों में सामूहिक दुष्कर्म व मारपीट की घटना सामने हुई थी।
जयपुर एडिशनल पुलिस कमिश्नर अजय पाल लांबा ने घटना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि पीड़िता ने अपने साथ हुई दरिंदगी का केस दर्ज कराया है, जिसमें उसने बताया है कि वह बीते साल 2020 के अक्टूबर की 19 तारीख को न्यू सांगानेर रोड स्थित साईं कृपा होटल में रुकी थी। इसी दौरान उसके जान-पहचान का एक संजू बंगाली नाम का युवक मिला। संजू ने युवती को पैसों का लालच देकर उसे एक दूसरे लड़के के साथ भेज दिया। उस लड़के ने पीडिता को मांग्यावास में एक कार में बैठा लिया। लड़के ने उसे जिस कार में बैठाया, उसमें पहले से ही चार अन्य लोग बैठे हुए थे। कार में बैठते ही युवकों ने महिला का मोबाइल छीन लिया और उसके साथ हैवानियत को अंजाम दिया। वहीं, आरोपी युवकों ने इस दरिंदगी का वीडियो शूट कर लिया।
पीड़िता ने बताया कि वे युवक उसके साथ मारपीट कर ही रहे थे कि दो कारों से कुछ और लोग वहां पहुंच गए और उसे खींचकर दूसरी कार में ले गए और दुष्कर्म किया। मामले में करीब 12 लोगों को आरोपी माना जा रहा है जो कि युवती के साथ दुष्कर्म और मारपीट की घटना में शामिल थे। पीड़ित लड़की ने बताया कि वह इन आरोपियों में केवल गुलाब और अभिषेक नाम के आरोपी को जानती है। गुलाब ही ने उसे धमका कर कहा था कि यदि इस बारे में किसी को कुछ बताएगी तो उसका वीडियो वायरल कर दिया जाएगा। इसी के चलते महिला पिछले छह महीने से चुप थी।
एडिशनल पुलिस कमिश्नर अजयपाल लांबा ने बताया कि इस गंभीर मामले में वायरल वीडियो के सामने आते ही हमने तत्काल एक्शन लेते हुए कई पुलिस टीमें बनाई। इस पुलिस टीम में जयपुर शहर के चारों डीसीपी सहित करीब 10 आईपीएस, 40 सीआई और 100 पुलिसकर्मी शामिल थे। इसके साथ ही आरोपियों व महिला की तलाश शुरू कर दी थी। जांच प्रक्रिया में रविवार सुबह जाकर पता चला कि पीड़िता यूपी के हरदोई की थी। इसके बाद स्थानीय पुलिस की मदद से उसे (पीड़िता) जयपुर बुलाकर मानसरोवर थाने में मामला दर्ज करवाया। साथ ही पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल करवाकर 161 सीआरपीसी के बयान करवा दिये हैं।
पीड़िता के वायरल हो रहे वीडियो को भी आईटी टीम की मदद से रुकवाया गया है। इसके बाद पीड़िता के बयानों के आधार पर पुलिस टीमों ने लखनऊ, इंदौर और जयपुर के कई इलाकों में दबिश देकर अभिषेक, मोंटी और संजू बंगाली को गिरफ्तार किया है। इस प्रकरण पर एडिशनल पुलिस कमिश्नर लाम्बा ने आगे कहा कि हमें इन तीनों आरोपियों से पता चला है कि यह गैंग अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने का काम करता है। साथ ही हम अन्य आरोपियों को भी जल्द गिरफ्तार करने के लिए कई जगहों पर दबिश दे रहे हैं, उम्मीद है कि सभी को जल्दी ही पकड़ लिया जाएगा।