चोरी की वारदातों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से ब्रिटेन में अब नया तरीका अपनाया जा रहा है। दुनिया में पहली बार यहां चोरों और डकैतों को ट्रैक करने के लिए जीपीएस का सहारा लिया जाएगा। इन जीपीएस टैग की मदद से संदिग्धों की निगरानी करने में आसानी होगी।
इस योजना के तहत परीक्षण के दौरान इसकी मदद से चोरों पर एक वर्ष के लिए 24 घंटे नजर रखने की योजना बनाई गई है। न्यायिक मंत्रालय के अनुसार, चोरी की वारदातों को रोकने के मद्देनजर इस प्रोजेक्ट की सफलता के बाद इसे और भी क्षेत्रों में लागू किया जाएगा। मंत्रालय की ओर से बताया कि चोरी की वारदातों को अंजाम देने वाले चोरों में से आधे से अधिक जेल से बाहर निकलने पर फिर से इन्हें अंजाम देने लगते हैं और लगभग 80 फीसदी मामलों में संदिग्धों की पहचान नहीं हो पाती। यह तरीका इन वारदातों के बाद चोरों और डकैतों की धरपकड़ के लिए एक अतिरिक्त तरीका प्रदान करेगा।
जेल से निकलने पर पैरों में किया जाएगा फिट :
इस योजना के तहत जेल से अपनी सजा पूरी करने के बाद छूटने वाले चोरों के पैरों में जीपीएस टैग फिट किया जाएगा और इसे एक मेन सर्वर से जोड़ा जाएगा। नेशनल पुलिस चीफ काउंसिल इलेक्ट्रॉनिक मॉनिटरिंग लीड जॉन स्ट्रैटफोर्ड का मानना है कि यह तरीका बेहद मददगार साबित होगा।
इन छह क्षेत्रों में पहले परीक्षण किया जाएगा :
शुरुआत में छह पुलिस बल क्षेत्रों में जीपीएस टैग का परीक्षण होगा। इनमें एवन, चेशायर, ग्लॉस्टरशायर, ग्वेंट, हंबर्साइड और वेस्ट मिडलैंड्स शामिल हैं।