संबलपुरी से लौटकर नरेश शर्मा की खास खबर
रायगढ़. रायगढ़ जिला मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर दूर नगर निगम द्वारा बनाई गई शहरी गोठान गायों की मौत का कब्रगाह बनते जा रहा है और यहां रोजाना एक गाय की मौत हो रही है जिसे गुपचुप तरीके से दफनाकर मामले में लीपापोती कर दी जाती है। कहने को तो आनन-फानन में नगर निगम ने वहां गायों के लिए पानी की व्यवस्था नए तरीके से करते हुए एक बोर भी खुदवाया है लेकिन आज भी वह चारे की कमी देखी जा सकती है और भूखे मरती गाय या तो बीमार हो रही है या फिर उनकी मौतें हो रही हैं । इस गोठान में तीन सौ से अधिक गाय व बछड़े शहर के अलग-अलग इलाके से लाए गए हैं जिनके मालिकों को भी निगम ने जानकारी तक नही दी है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में आज से कुछ माह पहले गायों के गोबर से आय कमाने के लिए योजना प्रारंभ की थी और इसी योजना के साथ-साथ शहर से लेकर गांव तक गाय व अन्य पशुओं के लिए गोठान योजना की शुरूआत की थी और इसी योजना की शुरूआत रायगढ़ नगर निगम ने भी रायगढ़ शहर से 10 किलोमीटर दूर वन विभाग के द्वारा संचालित संबलपुरी की एक जगह को शासन के माध्यम से लेकर की थी जिसमें उद्घाटन के समय प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को खुश करने के लिए शहर के अलग-अलग इलाकों से दिन व रात कु्ररता के साथ काउ केचर वाहन में ठूस-ठूसकर गायों को पकड़कर लाया गया था और उनके साथ छोटे बच्चे व कुछ सांड भी शामिल थे। कुछ गायों ने यहां अपने बछड़ो को भी जन्म दिया लेकिन अव्यवस्था के चलते एक के बाद एक गायों ने भूख व प्यास के चलते यहां दम तोड़ दिया और कुछ गायों को पॉलीथिन का सेवन करने के चलते मौत का कारण बताया गया। बीते तीन महीने के भीतर 40 गायों की मौत होनें के बाद नगर निगम तथा जिला कलेक्टर की पहल पर यहां पशु विभाग की एक टीम लगातार नजर रख रही है। बीमार होते जानवरों को बचाने के लिए उनकी जांच भी की जा रही है। लेकिन चारे व पानी की व्यवस्था अभी भी पूरी नही हुई है।
इस पूरे मामले में हमने सबसे पहले पशु विभाग के कम्पाउंडर व्हाई पी चंद्रा बताते हैं कि यहां कुछ गायों की मौत हुई है और अधिकांश गायों की मौत पॉलीथिन के चलते हुई है। कितनी गायों की मौत हुई है संख्या उनको नही मालूम पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। बातचीत के दौरान उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि कुछ गाय अभी भी बीमार है जिनका इलाज जारी है। पॉलीथिन के सेवन से गायों की मौत के बाद कुछ गायें चारे व पानी के अलावा व्यवस्था की कमी भी है जिसको दूर किया जाना आवश्यक है।
वहीं इस गोठान में बतौर चौकीदार सुकालू राम गुप्ता भी बताता है कि बीते 20 से 25 दिनों के भीतर 30 से 40 गायों की मौत हो चुकी है। गायों की मौतों का कारण चारे व पानी की कमी के साथ-साथ शहर में पॉलीथिन का सेवन होना बताता है दो दिन पहले ही दो गायों की मौत हुई है इसमें से एक गाय ने बछड़े को जन्म देने के बाद दम तोड़ा और उसे शीशी से बच्चों की तरह दूध पिलाया जा रहा है। वह मानता है कि यहां कुछ अव्यवस्था है लेकिन हाल ही में पीने के पानी की कमी को दूर करने के लिए नया बोर खोदा गया है तथा निगम आयुक्त और भी व्यवस्था कर रहे हैं। लगभग 3 सौ से अधिक गाय व बछड़े यहां है जो संख्या अधिक होनें के चलते रखने में परेशानी हो रही है।
क्या कहते हैं निगम आयुक्त आशुतोष पाण्डेय
नगर निगम आयुक्त से जब हमने इस संबंध में बात की तो उनका कहना था कि 120 दिनों मंे 40 गायों की मौत हुई है और उनकी मौत का कारण शहर से बीमार गायों का वहां ले जाना है। आयुक्त आशुतोष पाण्डेय यह भी कहते हैं चूंकि बीमार गायों को शहर में कुछ लोग बेकार छोड़ देते हैं और निगम उन्हें शहरी गोठान ले जाकर न केवल देखरेख करता है बल्कि उनके इलाज के लिए भी पहल कर रहा है और ऐसे में कुछ बीमार गायों की मौत हुई है और वहां की व्यवस्था और भी बेहतर करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
गायों की मौत के बाद जागा है नगर निगम प्रशासन
संबलपुरी स्थित शहरी गोठान में एक के बाद एक 40 गायों की मौत के बाद नगर निगम प्रशासन वहां की व्यवस्था सुधारने के लिए पशु चिकित्सालय विभाग की एक टीम भेजकर बकायदा बीमार गायों पर नजर रखने के साथ-साथ उनके इलाज की पहल कर रहा है। इतना ही नही खुद बीमार गायों को बचाने के लिए भी बड़े स्तर पर दवाओं की व्यवस्था भी की गई है।