11 गांवों में पहुंचकर लोगों को स्वास्थ्य के प्रति किया गया जागरूक
आशा— द होप के विशेष बच्चों के लिए आॅनलाइन सेमिनार
रायगढ़. विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर जेएसपीएल फाउंडेशन द्वारा जागरूकता के लिए “आओ स्वस्थ दुनिया बनाएं” थीम पर अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। साथ ही गांव—गांव में फ्रंटलाइन वारियर्स के रूप में काम कर रहीं जेएसपीएल फाउंडेशन की स्वास्थ्य संगिनियों का सम्मान भी किया गया।
“स्वास्थ्य ही धन है — स्वास्थ्य ही जीवन है” के नारे को सार्थक बनाने के उद्देश्य से जेएसपीएल फाउंडेशन द्वारा विश्व स्वास्थ्य दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। जेएसपीएल फाउंडेशन के माध्यम से वात्सल्य परियोजना के तहत गांवों में अपनी सेवाएं दे रहीं स्वास्थ्य संगिनियों के सम्मान के लिए फोर्टिस—ओपी जिंदल अस्पताल में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सभी स्वास्थ्य संगिनियों को प्रशस्ति पत्र के साथ सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में जेएसपीएल के उपाध्यक्ष संजीव चौहान ने गांव—गांव में लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने और उन्हें जरूरी सेवाएं उपलब्ध कराने में मदद करने में स्वास्थ्य संगिनियों के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस कठिन दौर में विश्व स्वास्थ्य दिवस का महत्व और भी बढ़ जाता है। जेएसपीएल फाउंडेशन अपने सामाजिक उत्तरदायित्व का पूरी प्रतिबद्धता से निर्वहन कर रहा है।
कार्यक्रम में फोर्टिस—ओपी जिंदल अस्पताल के सीओओ डॉ. मेजर राजेश्वर भाटी रि. ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य दिवस हमें याद दिलाता है कि बीमार होने के बाद इलाज कराने की बजाय हमें बीमारी से पहले ही खुद इससे बचाव के प्रति सजग रहने की कोशिश करनी चाहिए। कोरोना वायरस से बचाव के लिए फिजिकल डिस्टेन्सिंग एवं मास्क के नियमित उपयोग की समझाइश देते हुए उन्होंने अस्पताल प्रबंधन की ओर से बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता दोहराई।
अस्पताल के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट डॉ लेफिटनेंट कर्नल अनिल कुमार गुप्ता रि. ने कोविड—19 महामारी से बचाव के संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए स्वास्थ्य संगिनियों से गांव—गांव तक इससे जुड़ी जानकारियां पहुंचाने का आग्रह किया।
इसके अलावा आशा— दी होप के विशेष बच्चों को अच्छी नींद, ध्यान, योग, व्यायाम, पौष्टिक आहार, स्वच्छता एवं सकारात्मक सोच के महत्व के संबंध में जानकारी देने के लिए आॅनलाइन सेमिनार का आयोजन किया गया। स्वास्थ्य संगिनियों द्वारा आसपास के 11 गांवों में महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। साथ ही संयंत्र क्षेत्र में अप्रवासी मजदूरों को भी स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया गया।