जरूरतमंदों को राशन वितरण के लिए दिए गए 10 लाख
कलेक्टर श्री भीम सिंह ने सीएसआर मद से जारी की राशि
रायगढ़। कोरोना महामारी के नियंत्रण के लिए लगाए गए लॉकडाउन के चलते दिहाड़ी श्रमिकों और रोज कमाने खाने वाले परिवारों के सामने खाद्य संकट उत्पन्न न हो इसके लिए लगातार राशन वितरण की व्यवस्था की जा रही है। कलेक्टर भीम सिंह ने इसके लिए सीएसआर मद से 10 लाख रुपये प्रदान किये हैं। उक्त राशि का उपयोग रायगढ़ नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत जरूरतमंद लोगों को सूखा राशन के पैकेट वितरण के लिए किया जा रहा है। इसके लिए नगर निगम ऑडिटोरियम में कंट्रोल रूम बनाया गया है। जहां राशन के पैकेट तैयार कर वितरण का कार्य किया जा रहा है।इससे पहले भी कलेक्टर ने सी एस आर मद से निगम को 5 लाख रुपये दिए थे।लेकिन आज भी शहर के कई वार्डो में जनता परेसान है।
पैकेट को परिवार के पोषण आवश्यकताओं को ध्यान में रख कर तैयार किया गया है। पैकेट में दाल, आटा, सोयाबीन की बड़ी, चना, तेल, मसाले सहित 9 सामाग्री होती है। शासन के निर्देशानुसार उचित मूल्य की दुकानों से चावल का प्रदाय किया जा रहा है। नगर निगम से प्राप्त जानकारी अनुसार सीएसआर मद से प्रारंभ में मिले 5 लाख रुपये से लगभग 8 सौ पैकेट का वितरण किया गया है। इसके साथ 05 लाख रुपये की राशि और जारी की गयी है। जिससे लगभग 8 सौ पैकेट का वितरण और किया जा सकेगा। शहर के विभिन्न वार्डों के जरूरतमंद लोगों को यह राशन वितरित किया जाता है। इसी क्रम में गत दिवस शहर के वार्ड क्रमांक 40 की कुछ महिलाओं ने राशन प्रदान किये जाने की बात रखी थी। कलेक्टर श्री सिंह के निर्देश पर आज उक्त महिलाओं को उनके वार्ड में जाकर राशन का वितरण नगर निगम द्वारा किया गया।
एक जानकारी के अनुसार जब केन्द्र सरकार और राज्य सरकार ने गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार को दो माह का मुफ्त राशन देने की घोषणा की है तो मध्यम वर्ग और जिनके गरीबी रेखा के कार्ड नही है तो उनको निगम की सहायता नहीं मिल रही, सूत्र बताते हैं कि शहर के कई वार्डो में रोजी रोटी चलाने के जरिये लॉक डाउन ने बन्द कर दिया है तो ऐसे में घर में राशन भी खत्म होने से भारी परेशानी हो रही हैं।लगातार दूसरी बार कलेक्टर ने 10 लाख रुपये दिए हैं तो इससे भूखे मर रहे लोगों को वाकई अनाज मिल सकेगा?मजे की बात ये भी है कि निगम के सभी वार्डो के पार्षदों ने भी अपने फंड की राशि गरीबों की सहायता करने के लिए दे दी है तो कमी कैसे हो रही हैं क्यों आज भी महिलाएं या पुरुष बार बार भटक क्यों रहे हैं ?