रायगढ़. शहर के संजय मैदान के पास रहने वाला 17 साल के भीष्म देव महंत को जल्द ही बेहतर इलाज की सुविधा मिलने के बाद उसकी किड़नियों का इलाज भी हो सकेगा और इसके लिए सहयोग टीम ने जो प्रयास शुरू किया था वह धीरे-धीरे रंग ला रहा है। सहयोग टीम की एक अपील के बाद अलग-अलग जगहों से दान दाताओं ने स्वेच्छा से भीष्मदेव के किडनी ट्रांसप्लांट में अपनी भागीदारी निभानी शुरू कर दी है और अब तक 65 हजार से भी अधिक की राशि उसके पिता करमन दास महंत के बैंक खाते में जमा हो चुकी है।
हफ्ते में दो दिन डायलेसिस की बदौलत सांस ले रहे भीष्मदेव महंत को अब लगने लगा है कि उसे नया जीवनदान मिलेगा और जल्द ही उसकी किडनी ट्रांसप्लांट भी हो जाएगी। यहां यह बताना लाजमी होगा कि मात्र 17 साल के भीष्मदेव महंत की दोनों किडनियां 2019 से खराब हो चुकी है और धीरे-धीरे वो जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ते हुए अपने इलाज की बाट जोह रहा था। भीष्म के पिता करमन दास महंत संजय मैदान के पास छोटी सी किराना दुकान चलाते हैं और गरीबी के चलते वह बीते ढाई साल से अपने बेटे का इलाज करवाने में असफल साबित हो रहे थे चूंकि किडनी ट्रांसप्लांट और उसकी जांच में बड़ी रकम खर्च होती है और उसे कोई सहायता भी नही मिल रही थी। सहयोग टीम की अध्यक्ष मंजु अग्रवाल व सदस्य वीरांगना दुबे पिछले सप्ताह उनके घर पहुंचे थे और पिता करमन दास महंत, मां पद्मा बाई से मुलाकात करके भीष्म देव की दोनों किडनियों का इलाज संभव हो सके उसके लिए पहल करते हुए एक अपील समाचार पत्र के माध्यम से की थी जिसका असर दिखने लगा है।
सहयोग टीम की अध्यक्ष मंजु अग्रवाल ने बताया कि अब तक 65 हजार रूपए की राशि नगद खाते में आ चुकी है। साथ ही साथ अन्य लोग भी अपने-अपने स्तर पर राशि घर पहुंचा रहे हैं आज ही उन्होंने अपनी सहयोगी वीरांगना दुबे के साथ बालाजी मेट्रो अस्पताल के डायरेक्टर डॉ प्रकाश मिश्रा से मुलाकात करके भीष्मदेव के किडनी ट्रांसप्लांट को लेकर चर्चा की। साथ ही साथ उसके इलाज में खर्च होने वाली राशि और जहां बेहतर इलाज हो सके उसके लिए भी मार्गदर्शन लिया। डायलेसिस के भरोसे अपनी सांस ले रहे भीष्म को सहयोग टीम ने एक नया जीवनदान देने की कोशिश की है, जिससे आने वाले समय में उसकी किडनी ट्रांसप्लांट का रास्त साफ होते नजर आ रहा है।
क्या कहते हैं डॉ प्रकाश मिश्रा
भीष्मदेव के कागजात व उसकी शारीरिक जांच होनें के बाद डॉ प्रकाश मिश्रा बताते हैं कि रायपुर के बालाजी या अन्य जगह उसके किडनी ट्रांसप्लांट हो सकती है और इसके लिए वे लगातार प्रयास करेंगे कि इलाज में खर्च होने वाली राशि तथा अन्य सुविधाओं की कमी न हो और वे खुद संबंधित डाक्टर से चर्चा करके किडनी ट्रांसप्लांट में कोई दिक्कत न हो उसके लिए वे प्रयास करते रहेंगे।