रायपुर। छत्तीसगढ़ में ब्लैक फंगस के 162 मरीजों की पुष्टि हुई है। रायपुर स्थित एम्स में 126 मरीजों का इलाज चल रहा है। 24 मरीज रायपुर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में भर्ती हैं। ब्लैक फंगस से पीड़ित 57 मरीजों का हो सफल ऑपरेशन चुका है। अभी तक ब्लैक फंगस से 16 मरीजों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने इसकी पुष्टि की है। प्रदेश भर में ब्लैक फंगस के दवाओं की कमी है। एम्स और सेक्टर 9 अस्पताल में दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं।
प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में ब्लैक फंगस मरीजों का इलाज हो रहा है। प्रदेश में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इससे पहले शुक्रवार को पाटन निवासी 35 वर्षीय युवक की मौत हो गई है, मरीज युवक में ब्लैक फंगस के लक्षण मिले थे, युवक का एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था और AIIMS रायपुर ले जाने की तैयारी चल रही थी। दुर्ग CMHO डॉ. गंभीर सिंह ठाकुर ने मौत की पुष्टि की थी। वहीं कोंडागांव जिले में भी ब्लैक फंगस का मामला सामने आया है, रंधना गांव के ग्रामीण में ब्लैक फंगस के लक्षण दिखे हैं, रायपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, CMHO डॉ टीआर कुंवर ने पुष्टि की है। इधर धमतरी जिले में भी ब्लैक फंगस का पहला मामला सामने आया है, ब्लैक फंगस के मरीज को रायपुर एम्स रेफर किया गया है। इसके पहले बिलासपुर में ब्लैक फंगस से एक और मरीज ने दम तोड़ा है। पाली निवासी 52 वर्षीय अधेड़ की मौत हो गई है। सिम्स में 25 मई से भर्ती मरीज की इलाज के दौरान मौत हो गई। चार गंभीर मरीजों को रायपुर रेफर किया गया है। सिम्स में 13 मरीजों का इलाज जारी है। विधायक शैलेष पांडेय ने गुरुवार को सिम्स के ब्लैक फंगस वार्ड का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्हें जानकारी लगी कि उपचार में उपयोग में आने वाले दवा लाइसोसोमअस खत्म हो चुकी है। वहीं एंफोटरइसिन बी की सिर्फ 55 डोज उपलब्ध हैं। ऐसे में उन्होंने तत्काल ड्रग विभाग को दवा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान विधायक पांडेय ने कहा कि ब्लैक फंगस के मरीजों के लिए दवा की कमी नहीं होने दी जाएगी। ड्रग विभाग ने इस संबंध में उन्हें जानकारी दी कि दवाओं की डिमांड पहले ही शासन को भेज दी गई है। जैसे ही इंजेक्शन आ जाएगा, सिम्स में पहुंचा दिया जाएगा। मौजूदा स्थिति में यह इंजेक्शन बाजार में भी उपलब्ध नहीं है।