रायपुर। छत्तीसगढ़ के निजी स्कूलों पर भी कोरोना कहर बनकर टूटा है, यहां फीस नहीं मिलने के चलते सैकड़ों प्राइवेट स्कूल बन्द हो गए हैं सैकड़ो स्कूल अभी भी बंद होने के कगार पर हैं। निजी स्कूलों को फीस नहीं मिलने और छात्रों की संख्या घटने के कारण राज्य में लगभग 500 निजी स्कूलों में ताले लटक गए हैं।
हालाकि यहां स्कूल प्रबंधकों ने शिक्षा विभाग को स्कूल बंद करने की सूचना भी दी है, जिसकी वजह से अब इन स्कूलों में पढ़ने वाले करीब एक लाख बच्चों की शिक्षा अधर लटक गई है। इतना ही नहीं आरटीई कानून के तहत निशुल्क पढ़ने वाले करीब 20 हजार बच्चे भी इन स्कूलों द्वारा दी जा रही मुफ्त शिक्षा से वंचित हो गए हैं। अकेले राजधानी रायपुर में ही 35 निजी स्कूलों ने जिला शिक्षा अधिकारी को स्कूल बंद होने की जानकारी दी है। अब यह भी देखा गया है कि इन स्कूलों के बन्द होने के कारण स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में केवल 40 सीटों पर एडमिशन के लिए हजारों की संख्या में आवेदन पहुंचे हैं।
आखिर स्कूल बंद करने की मजबूरी क्या रही है इसके लिए स्कूल प्रबन्धन का कहना है कि उनके लिए स्टाफ को तनख्वाह देने से लेकर स्कूल में लगी बस के साथ ही ऑफिस स्टाफ का खर्च वहन करना काफी मुश्किल हो रहा है। बच्चों कि संख्या भी घट रही है, सबसे ज्यादा मुश्किल उन स्कूलों की है जिनके खुद के भवन नहीं हैं। प्रबंधकों का कहना है कि किराए के भवन का किराया देना अब संभव नहीं है। एक अनुमान के मुताबिक प्रदेश में कुल 57 हजार निजी-सरकारी स्कूलों में 60 लाख बच्चे अध्ययनरत हैं, इनमें अकेले छह हजार 615 निजी स्कूल हैं, जहां 15 लाख बच्चे पढ़ते हैं, इनमें 25 फीसद सीटों पर आरटीआई के तहत तीन लाख एक हजार 317 बच्चे पढ़ते हैं।
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