समाजसेवी सतीश यादव द्वारा बाल श्रमिक निषेध दिवस मनाया गया

by Kakajee News

सारंगढ़। समाजसेवी सतीश यादव द्वारा बाल श्रमिक निषेध दिवस मनाया गया एवं बच्चों को पढ़ने लिखने के लिए प्रोत्साहित किया गया साथ ही उन्हें पेन कॉपी बैग्स एवं पढ़ने लिखने में होशियार बच्चों को आर्थिक सहायता के साथ उन्हें स्कूलों में पढ़ने हेतु प्रोत्साहित किया गया.
हर साल 12 जून को बाल श्रम के खात्मे के लिए श्रमिक संगठन, स्वयंसेवी संगठन और सरकारें विश्व बालश्रम विरोधी दिवस मनाती हैं। इस दिन तमाम उत्सव-आयोजन होते हैं। सरकारें बाल श्रम को समाप्त करने के लिए बड़े-बड़े वादे करती हैं। बावजूद इन सबके बाल श्रम रुक नहीं पा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) की रिपोर्ट के अनुसार आज भी दुनियाभर में करीब 15.2 करोड़ बच्चे मजदूरी करने को मजबूर हैं। इनमें से अधिकतर बदतर हालात में काम कर रहे हैं। जबकि भारत में जनगणना 2011 की रिपोर्ट बताती है कि देश में एक करोड़ से ज्यादा बाल मजदूर हैं।
बढ़ती चाइल्ड ट्रैफिकिंग और बच्चे
हर साल हजारों बच्चे दुर्व्यापार (ट्रैफिकिंग) करके एक राज्य से दूसरे राज्यों में ले जाए जाते हैं। सीमापार ट्रैफिकिंग के जरिए पड़ोसी गरीब देशों नेपाल और बांग्लादेश से भी भारत में ऐसे बच्चे हजारों की संख्या में लाए जा रहे हैं। जबरिया बाल मजदूरी, गुलामी और बाल वेश्यावृत्ति आदि के लिए इन बच्चों को खरीदा और बेचा जाता है।
आप यह जानकार हैरान हो जाएंगे कि इन बच्चों की कीमत जानवरों से भी कम होती है। तस्वीर उससे कहीं ज्यादा भयानक है जो सरकारी आकड़ों के जरिए दिखाई जा रही है। बाल मजदूरी और दासता के विरुद्ध संघर्ष करने वाले नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित श्री कैलाश सत्यार्थी द्वारा स्थापित संगठन बचपन बचाओ आंदोलन(बीबीए) का मानना है कि तकरीबन 7 से 8 करोड़ बच्चे नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा से वंचित हैं।

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