कोरोना ने बजा दिया बैंड वालों का बाजा, 800 कलाकार हो गए बेरोजगार, जानें अब कैसे पाल रहे पेट

by Kakajee News

कोरोना काल में बैंड बाजे के कलाकारों को भुखमरी की नौबत आ गई है। उत्तर बिहार में प्रसिद्ध शहर के बैंड बाजे का कलाकार आज बेरोजगार बैठे हैं। पुरानी बाजार और छाताबाजार में दो दजर्न से अधिक बैंड बाजे के संचालक हैं। एक संचालक के पास करीब 40 से अधिक कलाकार होते हैं।
करीब आठ सौ से अधिक छोटे-बड़े कलाकार इनके यहां काम करते हैं। 24 मार्च 2020 के बाद अबतक इन 15 माह में लॉकडाउन के कारण ठीक से उन कलाकारों को 15 से 20 लग्न मे भी काम करने का मौका इन्हें नहीं मिला है। अधिकांश कलाकार काम छोड़कर दूसरे काम करने लग गये हैं।
कई कलाकर आर्थिक संकट के कारण अब ठेले पर सब्जी व फल की फेरी कर परिवार का खर्च चला रहें हैं। कई कलाकार दर्जी का काम करने लगे हैं तो कुछ लेदर व रैक्सिन का बैग बना कर घर खर्च चला रहे हैं।

1965 मे आए थे यूपी से रामपुर के कलाकार
पुरानी बाजार माखनसाह चौक शुक्ला रोड के सुप्रसिद्ध कलाकार सह संचालक मो. नजाकत अली ने बताया कि पहली बार मेरे पिता यूपी रामपुर से शहर मे आए थे। उसी समय से बैंड बाजे के पेशे से हम लोग भी जुड़े हुए हैं। आज इस पेशे से सैकड़ों परिवार जुड़कर अपना रोजी रोटी चला रहे हैं।
शहर मे आधे दर्जन से अधिक यूपी के संचालक हैं जो इस पेशे से जुड़े हैं। कोरोना के कारण शादी के आयोजन मे सरकार की ओर से कई प्रतिबंध लगाएं गये हैं उसमे से एक बैंड बाजे भी है। एक संचालक को बैंड बाजे का पूरी टीम तैयार करने मे म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स मे करीब पांच लाख से अधिक की पूंजी लगती हैं। लग्न के समय महाजनी कर्ज लेकर नय-नय बाजे की खरीदारी करते हैं।

पिछले साल का कर्ज अभी सधा भी नही है कि दूसरा कर्ज लेना पर रहा है। जून व जूलाई मे लग्न मे बुकिंग नही मिला है। नवम्बर व दिसंबर के लिए थोड़ी बहुत इन्क्वायरी के लिए लोग आ रहे हैं। कुछ बुकिंग भी हुई है जिनकी पहले बुकिंग हुई थी वे अगली तिथि के लिए बढ़ाये हैं।

लग्न में बुकिंग नहीं रहने से कलाकार नही कर पा रहे प्रैक्टिस
छाता बाजार के बैंड बाजे संचालक इबरान अली ने बताया कि एक कलाकार को छह सौ से दो हजार प्रति दिन का रोज देना पड़ता है। चालीस कलाकारों की टीम को टुकरों में बांट कर तीन से चार टीम बनाकर रोज की बुकिंग लग्न के दिनो में होती है। टीम और कलाकारों के अनुरूप बुकिंग की कीमत निर्धारित होती है।
न्यूनतम 20 हजार व आधिकतम 60 हजार तक होती है। इस बार काफी लग्न होने से कलाकारों में काफी प्रसन्नता थी। मगर जैसे ही कोरोना की दूसरा लहर आया उसके बाद एक के बाद एक सभी बुकिंग कैंसिल होती चली गई। नवंबर दिसंबर मे लग्न कम है मगर उम्मीद अधिक है।

इसमे कई वैसे हैं जो शादी की तिथि जून मे कैंसिल कराकर नवंबर मे ले गये हैं। संचालक राहत अली, मुबारक अली, रसन अली ने बताया कि लग्न की तैयारी के लिए हम कलाकार नय व पुराने गानो पर सुबह आठ से रात्री आठ बजे तक प्रेक्टिस भी किया करतें हैं जिससे हमारी बैंड की गुणवत्ता बनी रहे।

मगर इधर लॉकडाउन के कारण काफी दिनो से प्रैक्टिस भी बंद है। हमारी बैंड की पहचान सुसज्जित और भक्ति और सुमधुर नये पुराने संगीत से जुड़ा है। फुहर और अश्वलील गाने एवं डिजे से सदैव हमारे कलाकार दूर रहे हैं।

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